केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की गिरफ्तारी पर बोले जेपी नड्डा, कहा-इस तरह की कार्रवाई से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 24, 2021 17:59 IST2021-08-24T17:19:51+5:302021-08-24T17:59:52+5:30
रामदास आठवले ने मंगलवार को कहा कि मंत्री का इरादा मुख्यमंत्री का अपमान करने का नहीं था और वह अपने बयान पर स्पष्टीकरण देंगे।

हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेंगी।
नई दिल्लीः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने संबंधी टिप्पणी पर विवाद के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राणे को रत्नागिरी जिले में पुलिस ने हिरासत में लिया, जहां वह जन आशीर्वाद यात्रा के तहत दौरे पर थे।
इस बीच भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि नारायण राणे को गिरफ्तार करने का महाराष्ट्र सरकार का निर्णय संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ, हम इस तरह की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं। महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जी की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है। इस तरह की कार्रवाई से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे। भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान है। हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेंगी।
The arrest of Union Minister Narayan Rane by the Maharashtra Government is a violation of constitutional values. We will neither be scared nor suppressed by such action: BJP National President JP Nadda pic.twitter.com/EonUY3RZhh
— ANI (@ANI) August 24, 2021
हिरासत में लेने के बाद राणे को संगमेश्वर थाना ले जाया गया। ऐसी खबरें आयी हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राणे ने उच्च रक्तचाप और ‘शुगर लेवल’ बढ़ने शिकायत की तथा उनकी जांच के लिए एक डॉक्टर को बुलाया गया। राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं।
#WATCH | Maharashtra: Verbal spat erupts between supporters of Union Minister Narayan Rane and police in Ratnagiri
— ANI (@ANI) August 24, 2021
Visuals from Sangameshwar Police Station pic.twitter.com/z7N6SBYrri
राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं। भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे। अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता।’’ राणे अपनी इस टिप्पणी के बाद विवादों में घिर गए और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया है।
A complaint has been lodged against Union Minister Narayan Rane given by one Rohit Kadam. Case registered with Chaturshringi police station. Probe on: Amitabh Gupta, Pune police commissioner
— ANI (@ANI) August 24, 2021
Union Minister Narayan Rane had given a statement against CM Uddhav Thackeray yesterday pic.twitter.com/eAjwSUfrio
राणे का इरादा मुख्यमंत्री का अपमान करने का नहीं था, वह अपने बयान पर स्पष्टीकरण देंगे : आठवले
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के कथित आपत्तिजनक बयान का बचाव करते हुए भाजपा नेता एवं उनके मंत्रिमंडल सहयोगी रामदास आठवले ने मंगलवार को कहा कि मंत्री का इरादा मुख्यमंत्री का अपमान करने का नहीं था और वह अपने बयान पर स्पष्टीकरण देंगे। राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं। इसी संदर्भ में उन्होंने कथित विवादित बयान दिया था।
बयान के खिलाफ शिवसेना कार्यकताओं ने राज्य में कई जगह प्रदर्शन भी किया। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ राणे का मतलब केवल इतना था कि ठाकरे महाराष्ट्र के विकास के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं और लोगों की समस्याओं को समझने के लिए वह मुंबई में अपने आवास ‘मातोश्री’ से कभी-कभार ही बाहर निकलते हैं। राणे का मतलब था कि ऐसे मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। वह यही कहना चाहते थे।’’
‘रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया’ (आरपीआई) के नेता ने कहा, ‘‘ राणे मुख्यमंत्री का अपमान नहीं करना चाहते थे। वह इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे।’’ आठवले ने यह भी कहा कि राणे ने अपना गुस्सा सिर्फ इसलिए निकाला क्योंकि मुख्यमंत्री लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री को सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। उनसे रोजगार के अवसर पैदा करने की भी उम्मीद थी। लेकिन महाराष्ट्र में इन मोर्चों पर पिछले दो साल में कुछ नहीं हुआ है। राणे के गुस्से का असली कारण महाराष्ट्र में विकास का अभाव था।’’