केंद्रीय गृह मंत्रालय आज कर सकता है सीएए कानून को अधिसूचित
By रुस्तम राणा | Updated: March 11, 2024 17:24 IST2024-03-11T16:48:07+5:302024-03-11T17:24:56+5:30
इस अधिनियम का उद्देश्य उन प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना है - जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं - जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक "धार्मिक प्रताड़ना" के कारण भारत में प्रवेश कर गए। हालाँकि, इसमें मुस्लिम या अन्य समुदाय शामिल नहीं हैं जो उसी या पड़ोसी क्षेत्रों से आए हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय आज कर सकता है सीएए कानून को अधिसूचित
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय आज (सोमवार) नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों को अधिसूचित कर सकता है। एएनआई सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। यह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की घोषणा के कुछ सप्ताह बाद आया है कि कानून लोकसभा चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। पिछले महीने अमित शाह ने कहा था कि सीएए कानून को कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा था, ''इसे चुनाव से पहले लागू किया जाएगा...यह देश का कानून है, इसे कोई नहीं रोक सकता, यह पत्थर की लकीर है, यह हकीकत है।''
सीएए को साल 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था। नागरिकता संशोधन अधिनियम, जिसे आमतौर पर सीएए के रूप में जाना जाता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पेश किया गया था। इस अधिनियम का उद्देश्य उन प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना है - जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं - जो बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 तक "धार्मिक प्रताड़ना" के कारण भारत में प्रवेश कर गए। हालाँकि, इसमें मुस्लिम या अन्य समुदाय शामिल नहीं हैं जो उसी या पड़ोसी क्षेत्रों से आए हैं।
Union Home Ministry is likely to notify Citizenship Amendment Act (CAA) rules by today: Sources pic.twitter.com/Mhv1mQuwg1
— ANI (@ANI) March 11, 2024
4 दिसंबर, 2019 को संसद में सीएए पेश होने के बाद असम में विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। 11 दिसंबर, 2019 को अधिनियम पारित होने के बाद देश भर में प्रदर्शन तेज हो गए और कुछ क्षेत्रों में हिंसा भी देखी गई। प्रदर्शनकारियों ने सीएए को "भेदभावपूर्ण" और "भारत की धर्मनिरपेक्षता पर हमला" बताया। विरोध प्रदर्शन के दौरान या पुलिस कार्रवाई के कारण कई लोगों की जान चली गई, जबकि हजारों प्रदर्शनकारियों को पकड़ लिया गया था।