आईटी के छापों के बाद एआरसी और कर्जदारों के बीच अनुचित गठजोड़ पाया गया:सीबीडीटी
By भाषा | Updated: December 15, 2021 21:08 IST2021-12-15T21:08:05+5:302021-12-15T21:08:05+5:30

आईटी के छापों के बाद एआरसी और कर्जदारों के बीच अनुचित गठजोड़ पाया गया:सीबीडीटी
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर आयकर विभाग ने हाल में की गई छापेमारी के बाद मुंबई स्थित चार परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) और कर्जदार समूहों के बीच एक ‘‘अनुचित गठजोड़’’ का पता लगाया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बुधवार को यह जानकारी दी।
छापेमारी आठ दिसंबर को शुरू की गई थी और मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली और कुछ अन्य स्थानों पर कुल 60 परिसरों में छापे मारे गए।
सीबीडीटी ने एक बयान में बताया कि विभाग ने चार करोड़ रुपए नकद राशि और ‘‘बड़ी मात्रा’’ में दस्तावेज एवं डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए थे।
विभाग के लिए नीति निर्माण करने वाली संस्था ने कहा कि छापेमारी के दौरान पाया गया कि ‘‘एआरसी ने ऋणदाता बैंकों से गैर-निष्पादित संपत्ति (एनपीए) प्राप्त करने के लिए व्यापार के विभिन्न अनुचित तरीकों को अपनाया और धोखाधड़ी की।’’
बयान में एआरसी का नाम बताए बिना कहा गया, ‘‘यह पाया गया है कि कर्जदार समूहों और एआरसी के बीच एक अनुचित गठजोड़ था और इस प्रक्रिया में मुखौटा इकाइयों का इस्तेमाल किया गया।’’
आयकर अधिकारियों ने पाया कि जिस राशि पर एआरसी द्वारा एनपीए का अधिग्रहण किया गया है, वह उक्त परिसंपत्ति को कवर करने वाली संपार्श्विक प्रतिभूतियों के वास्तविक मूल्य से ‘‘बहुत कम’’ थी।
बयान में बताया गया कि परिसंपत्तियों के अधिग्रहण के लिए एआरसी द्वारा ऋणदाता बैंक (बैंकों) को किए गए न्यूनतम नकद भुगतान के लिए आमतौर पर उधारकर्ता समूह के धन का इस्तेमाल किया गया। ‘‘इस तरह की निधि को हवाला माध्यमों के जरिए या कर्जदार समूह द्वारा नियंत्रित मुखौटा कंपनियों की कई परतों के माध्यम से भेजा गया है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘... एआरसी बैंकों से हासिल संपत्तियों के संदर्भ में गैर-पारदर्शी तरीकों का इस्तेमाल कर रही हैं।
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