उज्जैन: कालिदास समारोह का शुभारंभ, महाकवि की रचनाओं की पांडुलिपियों पर फिर की जाएगी रिसर्च
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 9, 2019 03:34 IST2019-11-09T03:30:52+5:302019-11-09T03:34:13+5:30
संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि सारस्वत अतिथि श्री वसन्त कुमार भट्ट ने महाकवि कालिदास के बारे में जो बातें कही है, वे आज के परिवेश में अत्यन्त ही प्रासंगिक है। हमारी नई पीढ़ी सांस्कृतिक विरासत से दूर होती जा रही है। पहले परिवार की परिभाषा वृहद होती थी, किन्तु अब माता-पिता एवं बच्चे ही परिवार के रूप में जाने जाते हैं।

महाकवि की प्रतिमा पर माल्यार्पण करती हुईं मध्य प्रदेश की संस्कृति, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ।
मध्य प्रदेश की संस्कृति, चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा है कि महाकवि कालिदास की रचनाओं की पांडुलिपियों पर फिर से रिसर्च का कार्य कालिदास अकादमी के माध्यम से किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कवि कालिदास की स्मृति में आयोजित होने वाले अखिल भारतीय कालिदास समारोह का स्वरूप आगामी वर्षों में भव्य किया जायेगा।
एक समय में कालिदास अकादमी की प्रतिष्ठा विश्वस्तरीय थी। इस समारोह में राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा सहित अनेक विद्वानों ने शिरकत की है। हमारी सरकार की कोशिश रहेगी कि कालिदास अकादमी एवं अखिल भारतीय कालिदास समारोह का विराट स्वरूप एवं सम्मान पुन: लौटाया जाये। संस्कृति मंत्री ने कहा कि जब तक कालिदास समारोह में समाज की भागीदारी नहीं होगी, तब तक यह समारोह सरकारी स्वरूप में बना रहेगा।
संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि सारस्वत अतिथि श्री वसन्त कुमार भट्ट ने महाकवि कालिदास के बारे में जो बातें कही है, वे आज के परिवेश में अत्यन्त ही प्रासंगिक है। हमारी नई पीढ़ी सांस्कृतिक विरासत से दूर होती जा रही है। पहले परिवार की परिभाषा वृहद होती थी, किन्तु अब माता-पिता एवं बच्चे ही परिवार के रूप में जाने जाते हैं।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ, संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव पंकज राग, सारस्वत अतिथि डॉ.वसन्त कुमार भट्ट, सांसद अनिल फिरोजिया, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति बालकृष्ण शर्मा, अकादमी प्रभारी निदेशक श्रीमती प्रतिभा दवे की मौजूदगी में महाकवि कालिदास एवं पं.सूर्यनारायण व्यास के चित्र के संमुख दीप-दीपन एवं पुष्पांजली अर्पित कर कालिदास समारोह का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर गणमान्य अतिथि मौजूद थे।
समारोह में सारस्वत अतिथि डॉ. वसन्त कुमार भट्ट ने सम्बोधित करते हुए कहा कि महाकवि कालिदास की समस्त कृतियां कालजयी हैं। उन्होंने कहा कि अभिज्ञान शाकुन्तम की प्रत्येक पांडुलिपि में नये-नये श्लोक मिलते हैं। उन्होंने कहा कि कालिदास के साहित्य के प्रत्येक वाचन के बाद एक नया उन्मेष दिखाई देता है।उद्घाटन समारोह में स्वागत भाषण विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति ने दिया । कार्यक्रम का संचालन एवं आभार कालिदास अकादमी के सहायक निदेशक डॉ. संतोष पण्ड्या ने किया।
राष्ट्रीय कालिदास सम्मान-2018 रंगकर्मी सुरेन्द्र वर्मा को
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारम्भ अवसर पर संस्कृति मंत्री डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ द्वारा राष्ट्रीय कालिदास सम्मान रंगमंच के प्रसिद्ध लेखक सुरेन्द्र वर्मा को दिया गया। हिन्दी नाटकों के लेखक श्री सुरेन्द्र वर्मा को प्रशस्ति-पत्र, शाल, श्रीफल एवं कालिदास सम्मान से विभूषित किया गया। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री पंकज राग ने श्री सुरेन्द्र वर्मा के बारे में प्रशस्ति-वाचन करते हुए कहा कि भारतीय रंगमंच में हिन्दी नाटक लेखन के माध्यम से उत्कृष्ट कृतियों के रचयिता के रूप में श्री सुरेन्द्र वर्मा ने अपनी बड़ी पहचान स्थापित की है। उनका जन्म 7 सितम्बर 1941 को झांसी में हुआ। श्री वर्मा ने मुझे चांद चाहिये नामक कालजयी उपन्यास लिखा एवं मुगल महाभारत भाग-2, नाट्य पंचम, काटना शमी का वृक्ष, पदम पंखुरी की धार शामिल है। यह रेखांकित करने वाला सन्दर्भ है कि श्री सुरेन्द्र वर्मा के नाटक रंगकर्मियों के लिये मंचन की एक ऐसी सृजनात्मक चुनौती बनकर उभरते हैं, जिन्हें सदैव गंभीरता से लिया जाना होता है।
दो पुस्तकों का विमोचन
अखिल भारतीय कालिदास समारोह के शुभारम्भ अवसर पर पं.सूर्यनारायण व्यास प्रतिनिधि रचनाएं एवं कालिदास चिन्तन नामक ग्रंथों का विमोचन किया गया। साथ ही कालिदास अकादमी उज्जैन की पत्रिकाएं दूर्वा, वृतान्त एवं चित्रकला प्रदर्शनी के केटलॉग का विमोचन किया गया। इस अवसर पर दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ.राजशेखर व्यास मौजूद थे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में नान्दीपाठ एवं अन्त में भरतवाक्य का गायन संस्कृत महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा किया गया।
चित्रों, मूर्तियों और सिक्कों का संग्रहण अद्भुत - डॉ. साधौ
समारोह शुभारंभ् उपरांत डॉ.विजयलक्ष्मी साधौ ने अकादमी परिसर में महाकवि कालिदास की मूर्ति पर माल्यार्पण किया । उन्होंने अकादमी में चित्रों, मूर्तियों और सिक्कों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। डॉ.साधौ ने अकादमी की विजिटर्स बुक में अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा कि “कालिदास अकादमी में चित्रकला, मूर्तियों और अश्विनी शोध संस्थान के सिक्कों का संग्रहण देखा, यह अद्भुत है। इसके लिये मेरी ओर से बहुत सारी शुभकामनाएं।”
हस्त शिल्प मेले का शुभारम्भ
डॉ. साधौ ने कालिदास अकादमी परिसर में आयोजित 18 नवम्बर तक चलने वाले हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प मेले का फीता काटकर एवं दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया। मंत्री डॉ.साधौ ने हस्तशिल्प मेले में लगाई गये हस्तशिल्प स्टालों का अवलोकन किया।