कोरोना के कहर को देखते हुए न्यायालय के आदेशानुसार अंग्रेजों के जमाने के उज्जैन के भैरवगढ़ की केंद्रीय जेल से सोमवार-मंगलवार को लगभग 475 बंदी पैरोल पर 60 दिन के लिए रिहा कर दिए गए। स्वास्थ्य परिक्षण के बाद रिहा बंदियों को 10 बसों से उनके घरों के लिए रवाना किया गया।
उज्जैन की भैरवगढ़ सेंट्रल जेल में वैसे तो परिंदा भी पर नहीं मार सकता है। इसे पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है। इसके बावजूद कोरोना वायरस के यहां घुसपैठ की आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता। इसी के चलते सोमवार को करीब 100 एवं मंगलवार को 350 से अधिक बंदियों को चिकित्सा परीक्षण के बाद स्वस्थ स्थिति में उनके घरों के लिए रवाना किया गया।
जेल अधीक्षक श्रीमती अलका सोनकर के अनुसार यहां की क्षमता एक हजार 600 बंदियों की है और वर्तमान में यहां दो हजार 550 बंदी निरूद्ध थे। कोरोना के कहर को देखते हुए जेल में बंदियों के लिए तमाम व्यवस्थाएं की गई थी।
न्यायालय आदेश पर यहां निरूद्ध बंदियों में से करीब 600 को पैरोल पर 2 महीने के लिए रिहा किया जा रहा है।
जेल प्रशासन जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के संयुक्त प्रयास से पैरोल पर छोडे जा रहे बंदियों को उनके घरों तक छोड़ने के लिए 10 बसें लगाई गई। बंदियों के साथ घर तक जेल सुरक्षाकर्मी उन्हें सुरक्षित रूप से छोड़ कर आए हैं।
रिहा होने के पहले जेल सुप्रिडेंट श्रीमती अलका सोनकर द्वारा सभी बंदियों को समझाया गया और घर पर ही रहने का बोला गया साफ सफाई घर पर रखना और घर से बाहर नहीं निकलने नसीहत दी गई।