मध्य प्रदेश के उज्जैन के मेघदूत गार्डन में गुरुवार को 122 दिव्यांग जोड़ों का एकसाथ सामूहिक विवाह/निकाह आयोजित किया गया। इतनी बड़ी संख्या में दिव्यांगों का विवाह होने पर समारोह को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया।
इसके पूर्व बैतूल में 114 दिव्यांगों का एक साथ विवाह का रिकार्ड बना था, जो कि वहां पर तत्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्र के कार्यकाल में ही बना था। नया रिकार्ड भी उन्ही के नेतृत्व में ही बना। गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के अधिकारी श्री मनीष बिश्नोई ने समारोह में संभागायुक्त श्री आनन्द कुमार शर्मा, आईजी श्री राकेश गुप्ता, डीआईजी श्री मनीष कपूरिया, कलेक्टर श्री शशांक मिश्र एवं पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, महापौर श्रीमती मीना जोनवाल तथा जिला पंचायत अध्यक्ष श्री करण कुमारिया को वर्ल्ड रिकार्ड का प्रोवीजनल सर्टिफिकेट सौंपा।
दिव्यांग विवाह समारोह में तीन अन्य रिकार्ड भी बने, जिनमें मोस्ट पीपुल पार्टिसिपेटिंग इन हैण्ड सेनिटाईजिंग रिले, लार्जेस्ट गिफ्ट पैक तथा किसी एक व्यक्ति द्वारा 29 कन्याओं का एकसाथ कन्यादान करने के रिकार्ड का प्रमाण-पत्र सेवाधाम के श्री सुधीर भाई गोयल को दिया गया।
कार्यक्रम स्थल के परिसर में पहुंचकर अतिथियों द्वारा दिव्यांग जोड़ों को आनंदकों द्वारा उपहार स्वरूप दिए गए गृहस्थी के सामान का अवलोकन किया गया ।इसके पश्चात सभामंडप और निकाह स्थल पर पहुंचकर अतिथियों द्वारा वर-वधू को शुभकामनाएं दी गई । उल्लेखनीय है कि दिव्यांग विवाह उत्सव में गंगा जमुनी तहजीब देखने को मिली।
कार्यक्रम में जहां मंच बनाया गया था उसके बाएं ओर मुस्लिम जोड़ों का निकाह पढ़ा गया और दाएं ओर हिंदू दिव्यांग जोड़ों का विवाह मंडप में संपन्न कराया गया । दिव्यांग विवाह के आयोजन के अवसर पर मुख्य अतिथि संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा थे। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार डॉ.वेदप्रताप वैदिक ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वे ऐसे विवाह सम्मेलन में जीवन में पहली बार उपस्थित हुए हैं, जहां पर सभी धर्मों के दिव्यांगों का विवाह एक ही मंडप में करवाया जा रहा है। उन्होंने सेवाधाम संस्था को अदभुत संस्था बताते हुए कहा कि ऐसी सेवा सभी को करना चाहिये व इंसानियत के धर्म का पालन करना चाहिये।
बारातियों संग झूमे अधिकारी
गुरुवार को जिला प्रशासन द्वारा आयोजित दिव्यांग विवाह निकाह सम्मेलन में वर पक्ष की ओर से निकाली जाने वाली की बारात का जुलूस तपोभूमि चौराहे से शुरू हुआ । इस दौरान भगवान महाकालेश्वर की सवारी में चलने वाले पुलिस का घुड़सवार दल बारात में सबसे आगे था।इसके बाद बैंड और उसके पीछे खुशी में नाचते झूमते दिव्यांग जनों के परिजनों के साथ कलेक्टर शशांक मिश्र एवं प्रशासनिक अधिकारी बारात में चल रहे थे । उनके पीछे चार घोड़ा बग्गीयों और ई-रिक्शा में दिव्यांग दूल्हे सज धज कर बारात में चल रहे थे ।
फूलों की बारिश, आतिशबाजी से स्वागत
सामूहिक दिव्यांग विवाह/ निकाह सम्मेलन में गुरुवार को जैसे ही दिव्यांग जनों की बारात कार्यक्रम स्थल मेघदूत परिसर पहुंची, वहां बारात का स्वागत फूलों की वर्षा और आतिशबाजी कर किया गया । समारोह स्थल में बनाया गया भोजन सादा परंतु बेहद स्वादिष्ट था ।भोजन की व्यवस्था बाबा जयगुरुदेव आश्रम द्वारा की गई थी । दिव्यांग विवाह के मुख्य समारोह में बनाये गए भोजन में पूरी, मिक्स सब्जी, मटर पनीर, दाल चावल, पापड़, रायता, तंदूरी रोटी, नुक्ति और आइसक्रीम रखी गई थी ।
कई सामान्य लोगों ने थामा दिव्यांगजनों का हाथ
सम्मेलन में कई सामान्य लोगों द्वारा दिव्यांगजनों को अपना जीवनसाथी चुना गया। इन्होंने यह साबित किया कि जहां सच्चा प्रेम हो, एक-दूसरे के प्रति निस्वार्थ भावना हो, वहां विकलांगता, शारीरिक रंग-रूप कोई मायने नहीं रखता।समारोह में बड़वानी के रहने वाले 26 वर्षीय युवक कोमल गोले पैरों से दिव्यांग हैं। खंडवा की सामान्य युवती अमरूती पेशे से शिक्षक ने उनका हाथ थामा।
सेवाधाम आश्रम की सामान्य युवती 19 वर्षीय मुस्कान ने अपने जीवनसाथी के रूप में देवास के 30 वर्षीय महेश जो पैरों से दिव्यांग हैं को पसन्द किया। विवाह सम्मेलन में एक बौद्ध धर्म के जोड़े का विवाह भी सम्पन्न कराया गया।