राज्य में मजबूत नेतृत्व के अभाव में चुनावी दौड़ में पिछड़ा यूडीएफ

By भाषा | Updated: May 2, 2021 21:28 IST2021-05-02T21:28:46+5:302021-05-02T21:28:46+5:30

UDF backward in electoral race due to lack of strong leadership in the state | राज्य में मजबूत नेतृत्व के अभाव में चुनावी दौड़ में पिछड़ा यूडीएफ

राज्य में मजबूत नेतृत्व के अभाव में चुनावी दौड़ में पिछड़ा यूडीएफ

कोच्चि, दो मई केरल में ताबड़तोड़ प्रचार, सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का मुद्दा और सोना तस्करी का मामला भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को राज्य विधानसभा चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं दिला पाया क्योंकि पिनराई विजयन के नेतृत्व के सामने राज्य में उसके पास कोई मजबूत चेहरा नहीं था।

विधानसभा चुनाव में यूडीएफ के उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं करने को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए भी एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है जिन्होंने प्रचार के दौरान यूडीएफ को एक भरोसेमंद ताकत के तौर पर पेश करने की कोशिश की थी जो इस दक्षिणी राज्य में भाजपा के उभार को जवाब दे सकता है।

नतीजों ने यह भी दिखाया कि कई उम्मीदवारों को नए चेहरों से बदलने के पार्टी आला कमान के फैसले को भी लोगों ने खारिज कर दिया।

विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन के ठीक बाद कांग्रेस को “आई” और “ए” गुट की खींचतान झेलनी पड़ी।

पार्टी के वरिष्ठ नेता के सुधाकरन ने खुले तौर पर एआईसीसी महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला तथा ओमन चांडी पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि पार्टी की सभी समस्याओं के लिए वे ही जिम्मेदार हैं।

भाजपा के आक्रामक चुनाव प्रचार को देखते हुए कई जिलों में मुस्लिम और ईसाई बहुल क्षेत्रों में अल्पसंख्यक वोटों पर ज्यादा ध्यान देना भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ गया।

चुनाव में भाजपा की बढ़त को रोकने के लिए अल्पसंख्यकों ने यूडीएफ की बजाय वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) पर दांव लगाने को तवज्जो दी।

पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और नेता विपक्ष रमेश चेन्नीथला के नेतृत्व में संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) सबरीमला मुद्दे और माकपा के नेतृत्व वाले गठबंधन पर लगाए गए सोना तस्करी व भाई-भतीजेवाद के आरोपों पर निर्भर नजर आया। हालांकि नतीजों से साफ है कि आरोपों का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा।

यूडीएफ ने 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल में बड़ी जीत हासिल की थी और उसे इन चुनावों में भी अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद थी।

यूडीएफ और भाजपा ने एलडीएफ के खिलाफ अपना प्रचार अभियान सोना तस्करी घोटाले पर केंद्रित रखा।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: UDF backward in electoral race due to lack of strong leadership in the state

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे