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श्रीनगर में दो शिक्षकों की हत्या, डीजीपी ने कहा : सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास

By भाषा | Updated: October 7, 2021 18:17 IST

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श्रीनगर, सात अक्टूबर जम्मू-कश्मीर में नागरिकों पर बढ़े हमलों के बीच श्रीनगर के ईदगाह इलाके में बृहस्पतिवार को आतंकवादियों ने एक महिला प्रधानाध्यापक समेत सरकारी विद्यालय के दो शिक्षकों की गोली मार कर हत्या कर दी।

पिछले पांच दिनों में घाटी में सात नागरिकों की हत्या हुयी है, जिनमें से छह की हत्या शहर में हुई है। मृतकों में से चार लोग अल्पसंख्यक समुदाय से थे।

गवर्नमेंट ब्वॉयज सेकेंडरी स्कूल, ईदगाह की प्रधानाध्यापक सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की पूर्वाह्न करीब सवा 11 बजे गोली मारकर हत्या कर दी गयी। उस समय स्कूल में कोई विद्यार्थी नहीं था।

इस घटना की खबर फैलते ही शहर और घाटी के कुछ हिस्सों में एक तरह का भय व्याप्त हो जाने के बीच जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा कि कश्मीर में नागरिकों, खासकर अल्पसंख्यकों की लक्षित हत्या का मकसद भय का माहौल बनाना और सदियों पुराने सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना है।

सिंह ने स्कूल में संवाददाताओं से कहा, "यह दरिंदगी, वहशत और दहशत का मेल है।" इस स्कूल का परिसर काफी फैला हुआ है और बड़े मैदान तथा तीन मंजिला इमारतें हैं लेकिन कोई सीसीटीवी नहीं है।

सिंह ने कहा कि जो लोग मानवता, भाइचारे और स्थानीय मूल्यों को निशाना बना रहे हैं, वे जल्द ही बेनकाब होंगे। उन्होंने हालिया हमलों को कश्मीर के मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने की कोशिश बताते हुए आरोप लगाया कि आतंकवादी ‘पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे हैं’ ताकि घाटी में शांति बहाली में बाधा डाली जा सके।

श्रीनगर की सिख सुपिंदर कौर और जम्मू के हिंदू दीपक चंद की हत्या के दो दिन पहले लश्कर-ए-तैयबा से संबंधित समूह ‘द रेसिस्टेंस फोर्स’ ने मंगलवार को तीन लोगों की मौत की जिम्मेदारी ली थी।

श्रीनगर के जानेमाने फार्मासिस्ट तथा कश्मीरी पंडित माखन लाल बिंदरू की उसी शाम उनकी दुकान पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके कुछ मिनट बाद ही बिहार के एक चाट विक्रेता वीरेंद्र पासवान की भी हत्या कर दी गयी थी। इसके अलावा लगभग उसी समय एक अन्य नागरिक मोहम्मद शफी लोन की , बांदीपोरा में हत्या कर दी गयी थी।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सिंह ने कहा, ‘‘ पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में नागरिकों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं नृशंस हैं। ऐसे निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है जो समाज के लिए काम कर रहे हैं और जिनका किसी से भी कोई लेना-देना नहीं है। यह कश्मीर में डर का वातावरण पैदा करने और सांप्रदायिक रंग देकर यहां के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हमें बार-बार हुए इन हमलों में नागरिकों के मारे जाने का दुख है। हम पिछले मामलों पर काम कर रहे हैं। श्रीनगर पुलिस को कई सुराग मिले हैं और हम जल्द ही इन आतंकी और नृशंस हमलों के जिम्मेदार लोगों को पकड़ लेंगे। मैं आश्वस्त हूं कि पुलिस ऐसे लोगों को बेनकाब करने में सफल रहेगी।’’

सिंह ने कहा, ‘‘ यह कश्मीर के स्थानीय मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश है। यह उन लोगों को निशाना बनाने की कोशिश है जो रोजी-रोटी कमाने यहां आते हैं। यह कश्मीर में सांप्रदायिक सौहार्द और भाइचारे की सदियों पुरानी परंपरा को नुकसान पहुंचाने की साजिश है... कश्मीर के लोग इस षडयंत्र को नाकाम करेंगे। हम साथ मिलकर काम करेंगे और उनके मकसद को नाकाम करेंगे।’’

जब वह बोल रहे थे, मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा हुआ था। पुलिस की गाड़ियों के सायरन से स्कूल में पसरा सन्नाटा भंग हुआ। उनके आश्वासनों का शिक्षकों के समूहों और आसपास के अन्य लोगों पर बहुत प्रभाव पड़ता नहीं दिखा।

स्कूल के आसपास के इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को सुरक्षा देने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि आतंकवाद न तो नोटबंदी करने से रुका और न ही अनुच्छेद 370 हटाने से रुका। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कश्मीर में हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। आतंकवाद ना तो नोटबंदी से रुका ना धारा 370 हटाने से- केंद्र सरकार सुरक्षा देने में पूरी तरह असफ़ल रही है।’’

नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ श्रीनगर से फिर स्तब्ध कर देने वाली खबर आ रही है। निशाना बनाकर इस बार शहर के ईदगाह इलाके में दो शिक्षकों की हत्या कर दी गई। आतंक के इस अमानवीय कृत्य की सिर्फ निंदा करना काफी नहीं है। मैं मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।’’

पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ‘नया कश्मीर बनाने’ के केंद्र के दावे ने वास्तव में इसे नर्क में बदल दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने नया कश्मीर बनाने का दावा किया था लेकिन वास्तव में इसे नर्क में बदल दिया। केंद्र सरकार की मंशा कश्मीर को सिर्फ चुनावी हित के लिए इस्तेमाल करना है।

पीपल्स कांफ्रेस के अध्यक्ष सज्जाद लोन ने कहा कि यह समझना जरूरी है कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। लोन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ कायरता की खबरें आ रही हैं.. यह समझना जरूरी है कि आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता.. यह पागलपन है जो कश्मीर के लिए अभिशाप है। अल्लाह, हमें ऐसे अभिशाप से मुक्ति दे।’’

भारतीय जनता पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि ऐसे निहत्थे शिक्षकों की हत्या, जिनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है, "एक अमानवीय कृत्य" है। इस घटना की निंदा करते हुए उन्होंने कहा, "निहत्थे नागरिकों की हत्या को कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि कोई भी धर्म निर्दोषों की हत्या की अनुमति नहीं देता।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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