दिल्ली के दो शाही इमामों ने मुसलमानों से ईद की नमाज़ घरों में अदा करने की अपील की

By भाषा | Updated: May 10, 2021 18:39 IST2021-05-10T18:39:46+5:302021-05-10T18:39:46+5:30

Two royal imams of Delhi appealed to Muslims to offer Eid prayers in homes | दिल्ली के दो शाही इमामों ने मुसलमानों से ईद की नमाज़ घरों में अदा करने की अपील की

दिल्ली के दो शाही इमामों ने मुसलमानों से ईद की नमाज़ घरों में अदा करने की अपील की

नयी दिल्ली, 10 मई दिल्ली की मुगलकाल की दो ऐतिहासिक मस्जिदों के शाही इमामों ने सोमवार को अलग अलग वीडियो जारी कर मुस्लिम समुदाय से कोरोना वायरस महामारी की वजह से आगामी ईद -उल-फित्र की नमाज़ घर में ही अदा करने की अपील की।

जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और चांदनी चौक स्थित फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने वीडियो में मुसलमानों से अपील की है कि वे कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए ईद की नमाज़ घर में ही पढ़ें।

ईद का त्यौहार बृहस्पतिवार या शुक्रवार को पड़ सकता है जो चांद नज़र आने पर निर्भर करता है।

बुखारी ने एक वीडियो में कहा, “ इस वक्त कोरोना वायरस वबा (महामारी) की शक्ल में पूरे मुल्क में तेजी से फैल चुका है और यह वायरस बड़ी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। यह ऐसा कयामत (प्रलय) का मंजर है जो हमने और आपने अपनी जिंदगी में कभी नहीं देखा।”

उन्होंने कहा, “विशेषज्ञों के मुताबिक,कोरोना वायरस की तीसरी लहर का खतरा भी है और लिहाज़ा 13 या 14 मई को ईद उल फित्र है और हालात की नज़ाकत को देखते हुए मेरी अपील है कि ईद की नमाज़ अपने घरों में ही पढ़ी जाए तो बेहतर है।”

उन्होंने कहा कि इस तरह के हालात में शरीयत (इस्लामी कानून) घर में नमाज़ पढ़ने की इजाज़त देती है।

वहीं फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम ने अलग वीडियो में कहा, “ कोरोना वायरस की दूसरी लहर चल रही और रोज़ लाखों मामले सामने आ रहे हैं, हजारों लोगों की मौत हो रही है। हालात के मुताबिक, बहुत ज्यादा एहतियात करने की जरूरत है।”

उन्होंने कहा, “डॉक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है कि यह लहर अभी और तेज़ी अख्तियार करेगी। इसी वजह से लॉकडाउन लगाया गया है।”

मुफ्ती मुकर्रम ने कहा, “रमज़ान में हमने घरों में रहकर इबादत की। पिछले साल हमने घरों में ही ईद की नमाज़ अदा की थी। बीमारी का डर अब भी मौजूद है तथा संक्रमण बहुत ज्यादा है। लिहाजा सभी लोगों से अपील करूंगा कि ईद वाले दिन भी मस्जिद की तरफ न आएं बल्कि घरों में ही इबादत करें। शरीयत में इसकी इजाज़त मौजूद है।”

उन्होंने कहा, “ जो लोग ईद के दिन मस्जिद में नमाज़ अदा न कर सकें वे घर में सुबह के वक्त चार रकात नमाज़ ‘नफील’ पढ़ें और फिर ‘तकबीर’ पढ़ें और अल्लाह से दुआ करें।”

मुफ्ती मुकर्रम ने लोगों से सदका-ए-फित्र (दान) अदा करने की अपील करते हुए समुदाय के लोगों से गरीबों की, खासकर, कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की ‘दिल खोलकर’ मदद करने की गुजारिश की।

मुसलमानों के लिए अभी इस्लामी कलेंडर का नौवां महीना ‘रमज़ान’ चल रहा है जिसमें समुदाय के लोग रोज़ा (व्रत) रखते हैं। यह महीना ईद का चांद नज़र आने के साथ खत्म होता है। इस्लामी कलेंडर में एक महीना 29 या 30 दिन का होता है और यह चांद पर निर्भर करता है।

बता दें कि जामा मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने कराया था जबकि फतेहपुरी मस्जिद का निर्माण उनकी एक पत्नी फतेहपुरी बेगम ने कराया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Two royal imams of Delhi appealed to Muslims to offer Eid prayers in homes

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे