यमुना का पुनरुद्धार करने में मदद करेंगे दो नये बांध : जल शक्ति मंत्री

By भाषा | Updated: December 19, 2021 16:49 IST2021-12-19T16:49:01+5:302021-12-19T16:49:01+5:30

Two new dams will help in the revival of Yamuna: Jal Shakti Minister | यमुना का पुनरुद्धार करने में मदद करेंगे दो नये बांध : जल शक्ति मंत्री

यमुना का पुनरुद्धार करने में मदद करेंगे दो नये बांध : जल शक्ति मंत्री

(उज्मी अतहर)

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यमुना नदी में 98 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली से होकर गुजर रही नदी के दो प्रतिशत हिस्से से आता है, तो ऐसे में दो नए बांध बनाने के सरकार के फैसले से प्रदूषित नदी का "पुनर्जन्म" होगा।

सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) का विस्तार किया है, जिसके तहत हिमाचल प्रदेश में रेणुकाजी और उत्तराखंड में लखवार सहित तीन राष्ट्रीय परियोजनाओं को 90 प्रतिशत अनुदान दिया गया है।

पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में, जल शक्ति मंत्री ने कहा कि इन बांधों का निर्माण राष्ट्रीय राजधानी की जल आपूर्ति आवश्यकताओं के लिए अहम होने के साथ ही नदी के “पुनर्जन्म” के लिए भी जरूरी है।

उन्होंने कहा, “गंगा के मामले की तरह, यह अधिसूचित किया गया है कि सभी बांध धारक पक्षकारकों को गैर-मॉनसून महीनों में एक विशेष मात्रा में पानी छोड़ना होगा। इसी तरह, हम यह अनिवार्य कर देंगे कि कुछ मात्रा में पानी यमुना में भी बहना है और जब पानी बहेगा और अगर शोधन संयंत्र काम कर रहे हैं, तो ताजा और शोधित पानी, दोनों यमुना के पानी की गुणवत्ता में सुधार करेंगे।”

लखवार बहुउद्देशीय परियोजना उत्तराखंड में यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचे कंक्रीट बांध के निर्माण की परिकल्पना पेश करती है और इसका उद्देश्य 33,780 हेक्टेयर में सिंचाई लाभ और 788.3 लाख घन मीटर पेयजल और औद्योगिक जल आपूर्ति करना है, जबकि रेणुकाजी बांध परियोजना में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में गिरि नदी पर 148 मीटर ऊंचे रॉकफिल बांध का निर्माण शामिल है जो दिल्ली-एनसीआर को पानी उपलब्ध कराएगा।

यमुना नदी में प्रदूषण के मुद्दे पर, शेखावत ने कहा कि यमुना का सिर्फ दो प्रतिशत या 22 किलोमीटर दिल्ली में पड़ता है, लेकिन यमुना में 98 प्रतिशत प्रदूषण दिल्ली से आता है, इसलिए राष्ट्रीय राजधानी में उच्च प्रदूषण का कारण अनुपचारित या अर्ध-उपचारित औद्योगिक अपशिष्ट या सीवेज है जो कि 22 किमी के इस हिस्से में नदी में छोड़ा जा रहा है।

1300 किलोमीटर से अधिक लंबी यमुना देश की सबसे प्रदूषित नदियों में से एक है।

शेखावत ने कहा कि दिल्ली सरकार यमुना के प्रदूषण के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकारों को दोषी ठहराती रहती है, जबकि वास्तव में दिल्ली के अपशिष्ट उपचार संयंत्र अच्छी हालत में नहीं हैं और जल-मल शोधन संयंत्रों को भी सरकार द्वारा उन्नत करने की आवश्यकता है।

जल शक्ति मंत्री ने कहा, "पानी राज्य का विषय होने के नाते, यह राज्य की जिम्मेदारी है। इसलिए यमुना के कायाकल्प पर काम करके, हम वास्तव में उनकी जिम्मेदारी को पूरा कर रहे हैं। किसी भी परियोजना के लिए, केंद्र तकनीकी या वित्तीय सहायता दे सकता है। अंततः एक परियोजना की कल्पना करना, इसे बढ़ाना, लागू करना, इसे संचालित करना और बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी है। दिल्ली सरकार इसमें बिल्कुल विफल रही है।"

उन्होंने कहा कि 2012 में कल्पना की गई परियोजनाओं को भी दिल्ली सरकार ने अभी तक पूरा नहीं किया है।

शेखावत ने कहा, "किसी भी परियोजना को समझने और लागू करने में दो-तीन साल लगते हैं, और उनके लिए (दिल्ली सरकार) निविदा प्रक्रिया में ही तीन साल लग गए। उन्होंने (शहर सरकार) कहा कि वे छतरपुर में एक विकेन्द्रीकृत जल-मल शोधन संयंत्र स्थापित करेंगे, लेकिन पांच साल में उन्होंने इसके लिए जमीन तक नहीं सुरक्षित की। वे सिर्फ वादे कर रहे हैं।"

जल शक्ति अभियान के तहत, सभी राज्यों को अपने सभी जल निकायों को जियोटैग करने और एक भंडार बनाने के लिए कहा गया है।

भूजल पुनर्भरण पर मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस विषय पर लोगों में जागरूकता बढ़ी है।

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Web Title: Two new dams will help in the revival of Yamuna: Jal Shakti Minister

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