नयी दिल्ली, पांच जून ट्विटर ने शनिवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया और सोशल मीडिया पर संघ के शुभचिंतकों के रोष व्यक्त करने के बाद इसे बहाल कर दिया गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की दिल्ली इकाई के पदाधिकारी राजीव तुली ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पीटीआई-भाषा को बताया ‘‘यह ट्विटर द्वारा साफ तौर पर भेदभाव और प्रौद्योगिकी सामंतवाद का स्पष्ट उदाहरण है।’’ उन्होंने ऐसे कई ट्विटर अकाउंट का हवाला दिया जो निष्क्रिय हैं, लेकिन उनका ब्लू टिक बरकरार है। संघ के सूत्रों ने बताया कि सत्तारूढ़ भाजपा के मार्गदर्शक आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों से जुड़े पांच अकाउंट से सत्यापन बैज ब्लू टिक को हटा लिया गया। बाद में भागवत, सुरेश सोनी, अरुण कुमार, सुरेश जोशी और कृष्ण गोपाल के अकाउंट के ब्लू टिक को बहाल कर दिया गया। तुली ने कहा कि काफी मशक्कत के बाद इसे बहाल कर दिया गया।
भागवत समेत आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी जुलाई 2019 में ट्विटर से जुड़े थे। संघ के सूत्रों ने बताया कि पैरोडी (मिलते-जुलते नाम) अकाउंट से गलत सूचनाओं के प्रसार पर रोक लगाने के लिए अकाउंट बनाए गए थे। इससे पहले दिन में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट के ब्लू टिक को हटा दिया गया और फिर उसे बहाल कर दिया गया।
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