भारत सरकार के दबाव में ट्विटर को झुकना पड़ा, 97 प्रतिशत अकाउंट किए बंद, जानिए कैसे बदला कंपनी का सुर
By विनीत कुमार | Updated: February 12, 2021 11:38 IST2021-02-12T11:21:22+5:302021-02-12T11:38:23+5:30
Twitter ने भारत सरकार की ओर से कुछ हैंडल्स को बंद किए जाने की मांग को मानने में अब नरमी दिखाई है। भारत सरकार की ओर से जो लिस्ट सौंपी गई थी, उसमें से 97 प्रतिशत अकाउंट को बंद कर दिया गया है।

भारत सरकार की मांग पर ट्विटर ने 97 प्रतिशत अकाउंट किए बंद (फाइल फोटो)
भारत सरकार और माइक्रो ब्लॉगिंग सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर के बीच आई गर्माहट में अब नरमी के सुर सुनाई देने लगे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार ट्विटर ने भारत सरकार की ओर से सेंसर के लिए दी गई ट्विटर अकाउंट लिस्ट में से 97 प्रतिशत हैंडल को बैन कर दिया है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से ट्विटर के इन अकाउंट्स को किसान आंदोलन पर भड़काऊ सूचना, सहित पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थकों से जुड़ा हुआ बताते हुए बैन करने की बात कही गई थी।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कुल 1435 अकाउंट की लिस्ट सरकार की ओर से दी गई थी। इसमें ट्विटर की ओर से 1398 खातों को बंद कर दिया गया है।
ट्विटर के क्यों बदले सुर
मिली जानकारी के अनुसार ट्विटर ने सरकार की मांग पर बड़ा कदम आईटी सेक्रेटरी अजय प्रकाश के ट्विटर के एग्जक्यूटिव मोनिक मैके और जीम बेकर से मुलाकात के बाद उठाया। ये मुलाकात बुधवार शाम हुई थी। इसके बाद ही ट्विटर ने सरकार की मांगों को देखते हुए संदिग्ध अकाउंट पर कार्रवाई शुरू की।
सूत्रों के अनुसार बाकी बचे अकाउंट को लेकर भी ट्विटर जल्द कदम उठाएगा। खास बात ये भी है कि सरकार की ओर से 1178 अकाउंट की पहचान पाकिस्तान और खालिस्तान समर्थकों से जुड़े होने को लेकर की गई थी। ट्विटर ने इस सभी को ब्लॉक कर दिया है।
साथ ही 257 हैंडल्स विवादित हैशटैग से जुड़े थे। इसमें से 220 को डाउन कर दिया गया है। सरकार के एक सूत्र ने बताया, 'हम ट्विटर की ओर से उठाए गए कदमों को सकारात्मक तौर पर देखते हैं। इसके मायने ये हुए कि ग्लोबल एग्जक्यूटिव से बातचीत अच्छी दिशा में रही।'
ट्विटर और सरकार के बीच आई थी तनातनी
इससे पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने भारत सरकार की मांगों को मानने से इनकार कर दिया था। इसके बाद आईटी सेक्रेटरी ने ट्विटर पर अमेरिका कैपिटल हिल में हुए वाकये और दिल्ली के लाल किले में हुई घटना को लेकर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया था।
सूत्रों के अनुसार आईटी सेक्रेटरी से बैठक के दौरान ट्विटर से जुड़े लीगल मैटर्स के वाइस प्रेसिडेंट जीम बेकर ने सुनिश्चित किया था कि कंपनी भारत सरकार की चिंताओं पर गौर कर रही है।