विभाजन की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म “गदर: एक प्रेम कथा” के बीस साल

By भाषा | Updated: June 15, 2021 17:17 IST2021-06-15T17:17:19+5:302021-06-15T17:17:19+5:30

Twenty years of the film "Gadar: Ek Prem Katha" set against the backdrop of Partition | विभाजन की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म “गदर: एक प्रेम कथा” के बीस साल

विभाजन की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म “गदर: एक प्रेम कथा” के बीस साल

(जस्टिन राव)

मुंबई, 15 जून फिल्मकार अनिल शर्मा का कहना है कि विभाजन की पृष्ठभूमि पर बनी उनकी फिल्म “गदर: एक प्रेम कथा” का मूल कथानक कश्मीरी पंडितों के निर्वासन पर आधारित था, लेकिन उस पर कभी फिल्म नहीं बन पाई। “गदर” बीस साल पहले 15 जून 2001 को सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गई थी और सुपरहिट हुई थी।

इसमें तारा सिंह की भूमिका सन्नी देओल ने निभाई थी जो एक पाकिस्तानी मुस्लिम लड़की सकीना (अमीषा पटेल) के प्यार में पड़ जाता है। फिल्म की जान उसके शानदार संवाद, संगीत निर्देशक उत्तम सिंह के उम्दा गाने तथा विभाजन के दौर में हिंदू-मुस्लिम दंगों के बीच पिरोई गई तारा सिंह और सकीना की प्रेम कहानी की भावनात्मक अपील थी जिसे दर्शकों ने बेहद पसंद किया था।

शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार “गदर” ने अपने रास्ते में आने वाली हर रुकावट को पार किया था वह आश्चर्य में डालने वाला था। “गदर” उसी दिन रिलीज हुई थी जिस दिन आमिर खान की फिल्म “लगान” सिनेमाघरों में आई थी और दोनों फिल्मों के बीच बॉक्स ऑफिस पर कड़ी टक्कर थी।

शर्मा ने कहा, “फिल्म सभी बनाते हैं लेकिन ‘गदर’ जैसी फिल्म केवल भगवान की कृपा और दर्शकों के प्रेम से बनती है। फिल्म आज भी लोकप्रिय है और लोग उसे देखना पसंद करते हैं। मैं आज भी उन अच्छे दिनों को याद करता हूं।”

शक्तिमान तलवार के साथ फिल्म की कहानी के सह लेखक शर्मा, अभिनेता धर्मेंद्र के साथ “हुकूमत” (1987), “ऐलान ए जंग” (1989) और 1991 की “फरिश्ते” जैसी सफल फिल्में देने के बाद विभाजन पर आधारित एक पीरियड फिल्म बनाना चाहते थे।

वर्ष 1997-98 के दौरान शर्मा, 1990 के दशक में हुए कश्मीरी पंडितों के निर्वासन की पृष्ठभूमि पर फिल्म बनाने का विचार कर रहे थे और उन्होंने उसकी पटकथा पर तलवार के साथ लगभग 10 महीने तक काम किया था।

उन्होंने कहा, “फिल्म के दूसरे हिस्से में मुझे एक कश्मीरी लड़का चाहिए था जो हमारी तरफ का हो और लड़की जो दूसरी तरफ की हो। वह एक प्रेमकथा थी। फिर शक्तिमान जी ने मुझे एक वास्तविक कहानी सुनाई जो उन्होंने सुनी थी जिसने मुझे मोह लिया। मैंने उनसे कहा कि वर्तमान फिल्म को रोकते हैं और इस फिल्म पर काम करते हैं। मुझे लगा कि उस फिल्म को बिना किसी देरी के बनना ही चाहिए।”

तलवार ने शर्मा को ब्रिटिश सेना के एक पूर्व सैनिक और सिख लड़के बूटा सिंह और सीमा पार की उसकी त्रासद प्रेमकथा सुनाई थी। शर्मा ने “गदर” के कथानक पर तलवार के साथ काम किया और फिल्म का भावनात्मक पक्ष तैयार करने के बाद सन्नी देओल से जाकर मिले और उन्हें पटकथा सुनाई। निर्देशक फिल्म का सुखद अंत चाहते थे। गदर की शूटिंग पंजाब, राजस्थान, शिमला और उत्तर प्रदेश के इलाकों में हुई थी।

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Web Title: Twenty years of the film "Gadar: Ek Prem Katha" set against the backdrop of Partition

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