TRP scam: बंबई उच्च न्यायालय ने कहा-अर्णब गोस्वामी की पेशी चाहती है तो उन्हें समन जारी करे पुलिस

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 19, 2020 17:49 IST2020-10-19T17:49:08+5:302020-10-19T17:49:08+5:30

न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम.एस. कर्णिक की खंडपीठ ने कहा कि यदि ऐसा कोई समन जारी किया जाता है तो फिर गोस्वामी को पुलिस के समक्ष पेश होना होगा और जांच में सहयोग करना होगा।

TRP scam Bombay High Court Editor-in-chief of Republic TV Arnab Goswami's production police issue summons  | TRP scam: बंबई उच्च न्यायालय ने कहा-अर्णब गोस्वामी की पेशी चाहती है तो उन्हें समन जारी करे पुलिस

अदालत ने यह सवाल भी उठाए कि मुंबई पुलिस या उसके आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा ऐसे मामलों में संवाददाता सम्मेलन करना कहां तक उचित था। (file photo)

Highlightsहम जांच के दस्तावेज देखना चाहते हैं और जानना चाहेंगे कि आज से लेकर सुनवाई की अगली तारीख तक क्या जांच होती है।पुलिस को उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से रोकने जैसा कोई आदेश नहीं दे सकती है।सिब्ब्ल ने अदालत की इस बात से सहमति जताते हुए भरोसा दिलाया कि आगे से पुलिस टीआरपी घोटाला मामले में मीडिया से बात नहीं करेगी। 

मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि यदि मुंबई पुलिस की अपराध शाखा रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी की टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) मामले में पेशी चाहती है तो उसे पहले गोस्वामी को सम्मन जारी करना चाहिये, जैसा कि मामले में आठ अन्य लोगों के संबंध में किया गया था।

न्यायमूर्ति एस.एस. शिंदे और न्यायमूर्ति एम.एस. कर्णिक की खंडपीठ ने कहा कि यदि ऐसा कोई समन जारी किया जाता है तो फिर गोस्वामी को पुलिस के समक्ष पेश होना होगा और जांच में सहयोग करना होगा। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि मामले की जांच से संबंधित दस्तावेज अदालत के अवलोकन के लिए पांच नवंबर तक सीलबंद लिफाफे में दिए जाएं। अदालत में इसी दिन मामले पर सुनवाई भी होनी है। अदालत ने कहा, ‘‘प्राथमिकी में संपूर्ण विवरण नहीं होता। हम जांच के दस्तावेज देखना चाहते हैं और जानना चाहेंगे कि आज से लेकर सुनवाई की अगली तारीख तक क्या जांच होती है।’’

अदालत रिपब्लिक टीवी के स्वामित्व वाली एआरजी आउटलायर मीडिया प्राइवेट लि. की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें गोस्वामी ने छह अक्टूबर को दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की है। याचिका में यह मामला निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच की खातिर सीबीआई को हस्तांतरित करने का निर्देश देने की भी मांग की गई। याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय जांच पर रोक लगाए और पुलिस को याचिका के लंबित रहने के दौरान याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कदम उठाने से रोके।

याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने अदालत से गोस्वामी को गिरफ्तारी से संरक्षण देने की मांग की। साल्वे ने कहा, ‘‘पुलिस उन्हें (गोस्वामी) निशाना बना रही है और ऐसी आशंका है कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।’’ महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि चूंकि मामले के आरोपियों में अब तक गोस्वामी का नाम नहीं है, इसलिए उन्हें गिरफ्तारी से संरक्षण देने का कोई आदेश नहीं दिया जा सकता।

सिब्बल ने कहा कि पुलिस ने टीआरपी मामले के सिलसिले में अब तक आठ लोगों को सम्मन जारी कर उनसे पूछताछ की है। उन्होंने कहा, ‘‘इनमें से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया।’’ पीठ ने कहा कि गोस्वामी का नाम आरोपियों में नहीं है, इसलिए वह उन्हें संरक्षण देने या पुलिस को उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई करने से रोकने जैसा कोई आदेश नहीं दे सकती है।

अदालत ने यह सवाल भी उठाए कि मुंबई पुलिस या उसके आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा ऐसे मामलों में संवाददाता सम्मेलन करना कहां तक उचित था। सिब्ब्ल ने अदालत की इस बात से सहमति जताते हुए भरोसा दिलाया कि आगे से पुलिस टीआरपी घोटाला मामले में मीडिया से बात नहीं करेगी। 

Web Title: TRP scam Bombay High Court Editor-in-chief of Republic TV Arnab Goswami's production police issue summons 

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