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तृणमूल का ‘खेला होबे’ जिंगल लोकप्रिय हुआ, भाजपा ने पलटवार के लिए किया इस्तेमाल

By भाषा | Updated: March 11, 2021 18:57 IST

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कोलकाता, 11 मार्च तृणमूल कांग्रेस के लोकप्रिय हुए चुनावी जुमले ‘खेला होबे’ (खेल हो गया) को प्रतिद्वंद्वी भाजपा भी भुनाती दिख रही है और दोनों दलों के दिग्गज इसके बोलों का जिक्र कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल में अपनी रैलियों में इन शब्दों के इर्द गिर्द नारे बना रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस नेता देबांग्शु भट्टाचार्य ने जनवरी में मूल रूप से यह गीत लिखा था और यूट्यूब पर अपलोड किया था। तब से इस गीत में अनेक बदलाव देखे गये हैं। सबसे पहले पार्टी के बीरभूम के नेता अणुब्रत मंडल ने एक रैली में इसे नये बोल देते हुए ‘भयंकर खेला होबे’ लिखा।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘ गीत ‘खेला होबे’ लोगों से तुरंत तारतम्य स्थापित करने में कामयाब रहा है। राज्य भर के युवाओं ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।’’

भट्टाचार्य ने हाल ही में कामरहाटी विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित किया था जिसमें हजारों की भीड़ ने रैप के अंदाज में गीत के हर शब्द को बोला।

पश्चिम बंगाल सरकार के पूर्व मंत्री और इसी क्षेत्र से सत्तारूढ़ खेमे के उम्मीदवार मदन मित्रा ने भी ‘खेला होबे’ का अपना संस्करण बनाया है। वहीं घाटल से पार्टी के विधायक शंकर डोलई को एक रोडशो में इस गीत पर थिरकते हुए देखा गया।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी रैलियों में मतदाताओं से सवाल करती हैं कि क्या वे खेला होबे के लिए तैयार हैं? जवाब में लोग तालियां बजाते हैं।

ऐसी ही एक जनसभा में बनर्जी ने कहा, ‘‘खेला होबे। अमी गोलकीपर। देखी के जेते (खेल चल रहा है। मैं गोलकीपर हूं। देखते हैं कि कौन जीतता है)।’’

भाजपा नेताओं ने भी इस जुमले को अपने अंदाज में अपनाया है।

कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने भाषण में बनर्जी और उनकी पार्टी पर चुटकी लेते हुए ‘खेला होबे’ का जिक्र किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था, ‘‘खेला खतम। विकास शुरू।’’

भाजपा प्रवक्ता शामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘चुनाव की तुलना कभी खेल से नहीं की जा सकती। नारे में धमकी का तत्व छिपा हुआ है।’’

हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष अपने विरोधियों को जवाब देने के लिए उनके इसी नारे का इस्तेमाल करने से संकोच नहीं कर रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘खेल शुरू होने दीजिए। राज्य की जनता भाजपा के लिए वोट करेगी और तृणमूल कांग्रेस को कुशासन के लिए मुंहतोड़ जवाब देगी। बहुत जल्द परिवर्तन होगा।’’

देबांग्शु भट्टाचार्य के लिखे जुमले के बोल हैं, ‘‘बैरे ठेके बरगी ऐशे। नियम कोरे प्रति माशे। आमियो आची, तुमियो रोबे। बंधु एबर खेला होबे। (हर महीने बाहर से आये लुटेरे राज्य में आ रहे हैं, लेकिन हम उनका सामना करने को तैयार हैं। खेल चालू है)।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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