विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल के प्रवेश ने गोवा की राजनीति में हलचल तेज की

By भाषा | Updated: December 22, 2021 10:56 IST2021-12-22T10:56:32+5:302021-12-22T10:56:32+5:30

Trinamool's entry intensifies stir in Goa politics ahead of assembly elections | विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल के प्रवेश ने गोवा की राजनीति में हलचल तेज की

विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल के प्रवेश ने गोवा की राजनीति में हलचल तेज की

(रूपेश सामंत)

पणजी, 22 दिसंबर गोवा में, आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इस साल ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस पार्टी के प्रवेश से तटीय राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) भी राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाने की होड़ में है और दिल्ली विधानसभा चुनावों में अपने प्रदर्शन को दोहराने के लिए उसने यहां अभियान शुरू कर दिया है।

40 सदस्यीय गोवा विधानसभा के लिए अगले साल के शुरू में चुनाव होने हैं। बनर्जी, केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया दौरों ने छोटे राज्य में वैसे "सुसेगड" (पुर्तगाली शब्द सोसेगाडो, जिसका अर्थ है शांत) वातावरण में हलचल बढ़ा दी है।

वर्ष के अंत में विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक खेमे बदलने वाले विधायकों के इस्तीफों की झड़ी लग गई। हाल ही में छह विधायकों के इस्तीफा देने से विधानसभा में संख्याबल घटकर 34 हो गया है।

कांग्रेस विधायक लुइज़िन्हो फालेयरो और एलेक्सो लौरेंको तृणमूल में शामिल हो गए, जबकि रवि नाइक भाजपा में शामिल हो गए। सत्तारूढ़ दल के विधायक अलीना सलदान्हा ने आप का दामन थाम लिया और भाजपा के एक अन्य विधायक कार्लोस अल्मेडा ने भी 21 दिसंबर को इस्तीफा दे दिया। निर्दलीय विधायक रोहन खुंटे भाजपा में शामिल हो गए।

2017 के विधानसभा चुनावों में 17 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद, कांग्रेस के घटते संख्याबल ने राजनीतिक विशेषज्ञों को चकित कर दिया है। अब पार्टी के पास अब सिर्फ दो विधायक रह गए हैं।

फरवरी में होने वाले चुनाव में भाजपा के अलावा कांग्रेस, टीएमसी और आप, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और गोवा सु-राज पार्टी भी मैदान में हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने भी राज्य का दौरा किया।

गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में नौ से 14 मई के बीच ऑक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने से 188 लोगों की मौत हो गई। राज्य ने तब से विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की क्षमता बढ़ाई है।

एक सकारात्मक पहलू यह रहा कि गोवा कोविड-19 टीके की पहली खुराक के साथ सभी पात्र आबादी का टीकाकरण पूरा करने वाला पहला राज्य बन गया।

कोरोना वायरस के मोर्चे पर सामान्य स्थिति लौटने के साथ ही राज्य में पर्यटन के मौसम की बहाली देखी गई। नए साल के जश्न से पहले चार्टर्ड उड़ानें समुद्र तट वाले इस गंतव्य पर पहुंचने लगीं।

राज्य के शिक्षा विभाग ने भी चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी है। राज्य में आठवीं से 11वीं कक्षा की कक्षाएं फिर से शुरू हो गई हैं।

जहां भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने तटीय राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का श्रेय लिया, वहीं उसे कथित घोटालों के लिए आलोचना का भी सामना करना पड़ा। सत्तारूढ़ और विपक्षी विधायकों द्वारा बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप के बाद सरकार ने लोक निर्माण विभाग में भर्ती पर रोक लगा दी।

भाजपा मंत्री मिलिंद नाइक ने राज्य कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया जब कांग्रेस ने उन पर एक महिला के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया।

जैव विविधता के नुकसान पर चिंताओं के बीच पश्चिमी घाट से तीन बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को राज्य सरकार द्वारा मंजूरी देने के बाद विरोध प्रदर्शन हुए थे। विपक्ष ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर पर्यावरण की कीमत पर इन परियोजनाओं का समर्थन करने का आरोप लगाया।

मोदी राज्य के 60वें मुक्ति दिवस पर गोवा में थे जो भारतीय सेना के 'ऑपरेशन विजय' की सफलता की स्मृति में जाता है। सेना ने 19 दिसंबर, 1961 को गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कर दिया था। यूं तो यह दिन हमेशा बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन इस साल के समारोह का जश्न, विधानसभा चुनावों के महज कुछ दिन दूर रहने के कारण दोगुना हो गया।

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Web Title: Trinamool's entry intensifies stir in Goa politics ahead of assembly elections

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