तृणमूल कांग्रेस ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ ‘भारत बंद’ को अपना नैतिक समर्थन देने का फैसला किया

By भाषा | Updated: December 5, 2020 19:29 IST2020-12-05T19:29:29+5:302020-12-05T19:29:29+5:30

Trinamool Congress decided to give moral support to 'Bharat Bandh' against new agricultural laws | तृणमूल कांग्रेस ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ ‘भारत बंद’ को अपना नैतिक समर्थन देने का फैसला किया

तृणमूल कांग्रेस ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ ‘भारत बंद’ को अपना नैतिक समर्थन देने का फैसला किया

कोलकाता, पांच दिसम्बर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा आठ दिसम्बर को बुलाये गये ‘भारत बंद’ को अपना ‘‘नैतिक समर्थन’’ देने का फैसला किया है। एक वरिष्ठ नेता ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि पार्टी किसानों के साथ एकजुटता जाहिर करते हुए तीन दिनों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विरोध कार्यक्रम आयोजित करेगी।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बंगाल में अपने विरोध कार्यक्रमों के दौरान उनकी पार्टी कृषि कानूनों को तुरंत वापस लेने की मांग करेगी। पार्टी की मांग है कि सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद नये विधेयकों को संसद की स्थायी समिति या प्रवर समिति को भेजा जाना चाहिए।

बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘हमारी नेता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किसानों के आंदोलन को पूरा समर्थन देने का वादा किया है। कल, उन्होंने एकजुटता में सड़क पर विरोध प्रदर्शन के लिए तीन दिन के न्यूनतम कार्यक्रम की घोषणा की। हम तत्काल कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हैं।’’

हालांकि उन्होंने कहा कि कि सत्तारूढ़ पार्टी राज्य में विरेाध के दौरान कहीं भी बंद नहीं करेगी या सड़कों को जाम नहीं करेगी।

केन्द्र सरकार ने सितंबर में तीन कृषि कानूनों को मंजूरी दी थी। सरकार का कहना है कि इन कानूनों का मकसद बिचौलियों को खत्म करके किसानों को देश में कहीं भी अपनी फसल बेचने की अनुमति देकर कृषि क्षेत्र में ''सुधार'' लाना है।

किसानों को चिंता है कि इन कानूनों से उनकी सुरक्षा कवच मानी जानी वाली न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था और मंडियां खत्म हो जाएंगी। सरकार का कहना है कि एमएसपी जारी रहेगी और नए कानूनों से किसानों को अपनी फसल बेचने के और विकल्प उपलब्ध होंगे।

किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का भी आह्वान किया है।

बंदोपाध्याय के साथ संवाददाता सम्मेलन में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता प्रेम सिंह चंदूमाजरा भी मौजूद थे।

तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के साथ एक बैठक करने के लिए अपनी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ यहां मौजूद चंदूमाजरा ने कहा कि ये नये कानून किसानों के लिए चिंता की बात हैं।

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने इन कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार आंदोलन चलाने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि राजनीतिक दल हमारे पक्ष में आएं ... आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़े हों।’’

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने शुक्रवार को दिल्ली-हरियाणा सीमा पर आंदोलनकारी किसानों से मुलाकात की थी। उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों के साथ लगभग चार घंटे बिताये थे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से फोन पर बात कराई थी।

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Web Title: Trinamool Congress decided to give moral support to 'Bharat Bandh' against new agricultural laws

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