मप्र का आदिवासी सम्मेलन भाजपा की आदिवासी समुदाय में पैठ बनाने की रणनीति

By भाषा | Updated: November 13, 2021 21:36 IST2021-11-13T21:36:30+5:302021-11-13T21:36:30+5:30

Tribal Conference of MP BJP's strategy to make inroads in the tribal community | मप्र का आदिवासी सम्मेलन भाजपा की आदिवासी समुदाय में पैठ बनाने की रणनीति

मप्र का आदिवासी सम्मेलन भाजपा की आदिवासी समुदाय में पैठ बनाने की रणनीति

भोपाल, 13 नवंबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्य प्रदेश इकाई द्वारा 15 नवंबर को भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस के रुप में आयोजित किया जा रहा आदिवासी सम्मेलन इस वर्ग को पार्टी के साथ वापस लाने की योजना का हिस्सा है। इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में आदिवासी वर्ग का समर्थन नहीं मिलने कारण भाजपा ने प्रदेश में लगातार 15 साल के शासन के बाद अपनी सत्ता खो दी थी।

वर्ष 2020 के प्रारंभ में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथ 22 विधायकों के कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने से 15 माह में ही कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आकर गिर गई थी और भाजपा पुन: प्रदेश में सत्तारुढ़ हो सकी थी।

वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार प्रदेश की 7.26 करोड़ कुल आबादी में से आदिवासियों की संख्या 1.53 करोड़ या 21.08 प्रतिशत है। मध्य प्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 47 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि प्रदेश की 35 अन्य विधानसभा सीटों पर आदिवासियों के कम से 50 हजार वोट हैं। इसलिए यह वर्ग 2023 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर सत्ता पाने का बड़ा कारक है।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 47 सीटों में से 31 सीटों पर जीत हासिल करने बाद भाजपा को पराजित करने में सफल रही थी।

वर्ष 2003 में भाजपा ने इन 41 अनुसूचित जनजाति की सीटों में से 37 सीटें जीतकर दिग्विजय सिंह की कांग्रेस सरकार को दस साल बाद सत्ता से बेदखल करने में कामयाबी हासिल की थी। पर्यवेक्षकों का कहना है कि भाजपा के सत्ता में आने का उत्प्रेरक वर्ष 2002 में झाबुआ में आयोजित विशाल हिन्दू सम्मेलन था जिसमें दो लाख से अधिक आदिवासियों ने भाग लिया था।

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों में जब परिसीमन के बाद अनुसूचित जाति की सीटें 41 से बढ़ाकर 47 कर दी गयीं तो भाजपा ने इनमें से 41 पर जीत हासिल कर इस वर्ग पर अपना दबदबा कायम रखा और अपनी सत्ता बनाए रखी।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार कांग्रेस के कई विधायकों के भाजपा में आने के बाद 2020 की शुरुआत में सत्ता में आई भाजपा प्रदेश में आदिवासी मतदाताओं को मजबूती से अपने पक्ष में करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की जयंती पर सोमवार 15 नवंबर को यहां जंबूरी मैदान पर होने वाले जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में ढाई लाख से अधिक आदिवासियों को शामिल करने की योजना है।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि इस आदिवासी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल मंगू भाई पटेल, जो स्वयं एक आदिवासी हैं, और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा पारंपरिक आदिवासी टोपी पहनकर शामिल होंगे। आदिवासियों को लाने के लिए प्रदेश भर से पांच हजार से अधिक बसों को तैनात किया गया है। यहां लोगों के खाने और रहने की भी व्यवस्था की गई है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार सोमवार को कार्यक्रम में भीड़ लाने के लिए 12 करोड़ से अधिक खर्च कर रही है।

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Web Title: Tribal Conference of MP BJP's strategy to make inroads in the tribal community

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