सर्जरी कराके महिला बनी ट्रांसजेंडर घरेलू हिंसा कानून के तहत गुजारा भत्ता मांग सकती है: बॉम्बे हाई कोर्ट

By भाषा | Published: March 31, 2023 02:54 PM2023-03-31T14:54:00+5:302023-03-31T14:59:06+5:30

बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि लिंग परिवर्तन कराके महिला बनने वाला कोई शख्स भी घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत राहत की मांग कर सकता है।

Transgender person become female after surgery can seek relief under Domestic Violence Act: Bombay high court | सर्जरी कराके महिला बनी ट्रांसजेंडर घरेलू हिंसा कानून के तहत गुजारा भत्ता मांग सकती है: बॉम्बे हाई कोर्ट

सर्जरी कराके महिला बनी ट्रांसजेंडर घरेलू हिंसा कानून के तहत गुजारा भत्ता मांग सकती है: बॉम्बे हाई कोर्ट

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि लिंग परिवर्तन सर्जरी कराके महिला बनने वाला कोई ट्रांसजेंडर व्यक्ति भी घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत राहत की मांग कर सकता है। उच्च न्यायालय ने एक निचली अदालत के आदेश को कायम रखते हुए यह व्यवस्था थी।

'महिला शब्द में ट्रांसजेंडर भी शामिल जिन्होंने लिंग परिवर्तन कराया'

निचली अदालत ने एक व्यक्ति को उससे अलग हुई पत्नी को गुजारा-भत्ता देने का निर्देश दिया था। उसकी पत्नी पहले ट्रांसजेंडर थी। न्यायमूर्ति अमित बोरकर की एकल पीठ ने 16 मार्च के आदेश में कहा कि ‘महिला’ शब्द महिलाओं और पुरुषों के जोड़े तक सीमित नहीं है और इसमें वे ट्रांसजेंडर लोग भी शामिल हैं जिन्होंने अपनी पहचान बदलने के लिए लिंग परिवर्तन कराया है। आदेश की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हुई।

न्यायमूर्ति बोरकर ने घरेलू हिंसा कानून की धारा 2 (एफ) का उल्लेख किया। आदेश के अनुसार इस बात में कोई संदेह नहीं है कि किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को या लिंग परिवर्तन की सर्जरी कराने वाले किसी पुरुष या महिला को अपनी पसंद की लैंगिक पहचान रखने का अधिकार है। इसमें कहा गया, ‘‘घरेलू हिंसा अधिनियम के प्रावधानों का उद्देश्य ऐसी महिलाओं के अधिकारों को और प्रभावी तरीके से सुरक्षा प्रदान करना है जो परिवार के अंदर किसी तरह की हिंसा की पीड़ित हैं।’’

क्या है पूरा मामला? जानिए

पीठ ने कहा कि इस तरह के कानून की जरूरत पड़ी थी क्योंकि मौजूदा कानून महिला पर पति या परिवार की क्रूरता से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं थे। अदालत ने कहा, ‘‘मेरी राय में, महिला के रूप में पहचान के लिए लिंग परिवर्तन सर्जरी कराने वाले किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को घरेलू हिंसा कानून के दायरे में पीड़ित मानना होगा।’’

पति से अलग हुई महिला के अनुसार वह 2016 में सर्जरी कराके ट्रांसजेंडर से महिला बनी थी। उसी साल दोनों ने शादी कर ली लेकिन दो साल बाद मतभेद पैदा हो गये जिसके बाद महिला ने मजिस्ट्रेट के समक्ष आवेदन कर घरेलू हिंसा कानून के तहत गुजारे-भत्ते की मांग की। पति ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका में दावा किया था कि उसकी पत्नी पीड़ित पक्ष की परिभाषा में नहीं आती क्योंकि यह अधिकार केवल महिलाओं को दिया गया है।

Web Title: Transgender person become female after surgery can seek relief under Domestic Violence Act: Bombay high court

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