टूलकिट मामला : सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरणविदों की दिशा रवि को रिहा करने की मांग

By भाषा | Updated: February 15, 2021 15:19 IST2021-02-15T15:19:58+5:302021-02-15T15:19:58+5:30

Toolkit Case: Social activists, environmentalists seek direction to release Ravi | टूलकिट मामला : सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरणविदों की दिशा रवि को रिहा करने की मांग

टूलकिट मामला : सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरणविदों की दिशा रवि को रिहा करने की मांग

नयी दिल्ली, 15 फरवरी सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने 'टूलकिट' दस्तावेज मामले में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि को तत्काल रिहा करने की मांग करते हुए सरकार से कहा है कि वह भारत के युवाओं को निशाना बनाना बंद करे।

पुलिस ने बताया कि रवि (22) को केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध- प्रदर्शन से संबंधित टूलकिट ग्रेटा थनबर्ग के साथ कथित तौर पर साझा करने के लिए शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था।

दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि रवि ‘टूलकिट गूगल दस्तावेज’ की एडिटर होने के साथ ही दस्तावेज तैयार करने और उसके प्रसार की ‘‘प्रमुख साजिशकर्ता’’ थी।

सामाजिक कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने रवि की गिरफ्तारी की निंदा की है।

‘ऑल इंडिया प्रोग्रेसिव वीमेन्स एसोसिएशन’ की सचिव कविता कृष्णन ने कहा कि रवि जैसे लोग भारत की सबसे सर्वश्रेष्ठ उम्मीद हैं क्योंकि उन्हें सिर्फ खुद की ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों की चिंता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम वर्तमान में लोकतंत्र की तरह व्यवहार नहीं कर रहे हैं। यदि हम विरोध की बराबरी साजिश से करेंगे और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की बराबरी साजिश के साथ करेंगे तो आप अब लोकतंत्र नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें तुरंत पूरी तरह से कमजोर, हास्यास्पद आधार पर आधारित इस मामले को वापस लेना चाहिए। एक टूलकिट राजद्रोह नहीं है, यह कोई साजिश नहीं है, टूलकिट विरोध के लिए है।’’

अधिकार कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने भी रवि की गिरफ्तारी के आधार पर सवाल उठाया और कहा कि स्थानीय अभियान संचालित करने वाला व्यक्ति भी टूलकिट तैयार करता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें प्रधानमंत्री के अभियान टूलकिट को देखना चाहिए। हम बेतुकेपन की सीमा पार कर रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हंसी का पात्र बन जाएंगे।’’

दिल्ली स्थित ‘सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट’ की प्रमुख सुनीता नारायण ने भी गिरफ्तार कार्यकर्ता को अपना समर्थन दिया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हम जानते हैं कि जलवायु परिवर्तन एक लंबे समय के लिए खतरा है। इस पर अधिक कार्रवाई के वास्ते दुनिया को युवाओं के लगन और प्रतिबद्धता के साथ ही उनकी मुखर आवाज की जरूरत है। दिशा रवि को रिहा किया जाए।’’

नौ वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता लिसीप्रिया कांगुजम ने इसे देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज़ को चुप कराने का प्रयास बताया।

कांगुजम ने ट्वीट किया, ‘‘यह इस देश में युवा लड़कियों और महिलाओं की आवाज़ को चुप कराने का एक प्रयास है। लेकिन यह हमें अपने ग्रह और भविष्य के लिए लड़ने से नहीं रोक पाएगा।’’

50 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एक संयुक्त बयान में रवि के समर्थन में आवाज उठाई और उनकी गिरफ्तारी को ‘‘परेशान करने वाला’’, ‘‘प्रकृति में अवैध’’ और ‘‘सरकार की जरूरत से अधिक प्रतिक्रिया’’ वाला बताया।

‘कोएलिशन फॉर एन्वायरमेंटल जस्टिस इन इंडिया’ के बैनर तले जारी बयान में इसे जनता का ध्यान बंटाने का प्रयास भी कहा गया।

इसमें कहा गया है, ‘‘यह और भी स्पष्ट होता जा रहा है कि केंद्र सरकार की मौजूदा कार्रवाई लोगों को वास्तविक मुद्दों जैसे ईंधन और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमत, व्यापक बेरोजगारी और बिना किसी योजना के लॉकडाउन के कारण उत्पन्न संकट और पर्यावरण की खतरनाक स्थिति से ध्यान बंटाने की रणनीति है।’’

समूह द्वारा एक ऑनलाइन अर्जी शुरू की गई है जिसमें जलवायु कार्यकर्ता की तत्काल रिहाई की मांग की गई है।

पर्यावरणविद् विक्रांत तोंगड़ ने कहा कि यह घटना जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए हतोत्साहित करने वाली होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम मामले के गुणदोष में नहीं जा सकते क्योंकि जांच जारी है, लेकिन यह घटना जलवायु कार्यकर्ताओं के लिए हतोत्साहित करने वाली होगी...।’’

जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग ने तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन देने के लिए ‘‘टूलकिट’’ साझा किया था। दस्तावेज में, ट्विटर पर अधिक संख्या में संदेश ट्वीट करने और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध- प्रदर्शन करने सहित विभिन्न आवश्यक कार्रवाई सूचीबद्ध की गई थी ताकि किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया जा सके।

पुलिस ने कहा है कि ‘बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन’ में स्नातक रवि ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया’ नामक समूह के संस्थापक सदस्यों में से एक है।

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Web Title: Toolkit Case: Social activists, environmentalists seek direction to release Ravi

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