कोरोना संकट के दौरान समय पर सटीक फैसलों से लाखों लोगों का जीवन बचा: कोविंद

By भाषा | Updated: January 29, 2021 15:35 IST2021-01-29T15:35:54+5:302021-01-29T15:35:54+5:30

Timely decisions during Corona crisis saved lives of millions: Kovind | कोरोना संकट के दौरान समय पर सटीक फैसलों से लाखों लोगों का जीवन बचा: कोविंद

कोरोना संकट के दौरान समय पर सटीक फैसलों से लाखों लोगों का जीवन बचा: कोविंद

नयी दिल्ली, 29 जनवरी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में आई भारी गिरावट और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी का उल्लेख करते हुए शुक्रवार को कहा कि सरकार के समय से लिए गए सटीक फैसलों के कारण लाखों देशवासियों का जीवन बचा है।

बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को पारंपरिक संबोधन में कोविंद ने यह भी कहा कि संकट के इस समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना के टीके की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है। आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेज़ी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है।’’

राष्ट्रपति ने यह भी कहा, ‘‘ हमारे लिए यह और भी गर्व की बात है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चला रहा है। इस कार्यक्रम के दोनों टीके भारत में ही निर्मित हैं। संकट के इस समय में भारत ने मानवता के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन की लाखों खुराक उपलब्ध कराई हैं। भारत के इस कार्य की विश्व भर में हो रही प्रशंसा, हमारी हजारों वर्ष पुरानी संस्कृति, सर्वे सन्तु निरामयाः की भावना के साथ जग-कल्याण की हमारी प्रार्थना, हमारे प्रयासों को और ऊर्जा दे रही है।’’

उन्होंने बताया, ‘‘ देश में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए मेडिकल शिक्षा का विस्तार भी अत्यंत आवश्यक है। साल 2014 में देश में सिर्फ 387 मेडिकल कालेज थे, लेकिन आज देश में 562 मेडिकल कालेज हैं। बीते 6 वर्षों में अंडरग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट चिकित्सा शिक्षा में 50 हजार से ज्यादा सीटों की वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार ने 22 नए ‘एम्स’ को भी मंजूरी दी है।’’

कोविंद ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के साथ ही चार स्वायत्त बोर्ड का गठन कर केंद्र सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधारों की नींव रखी है। इन्हीं सुधारों के क्रम में दशकों पुरानी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के स्थान पर नेशनल मेडिकल कमीशन की स्थापना की गई है।

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