गाजियाबाद (उप्र), चार जनवरी गाजियाबाद पुलिस ने यहां एक श्मशान घाट की छत ढहने के मामले में मुरादनगर नगर पालिका के तीन अधिकारियों को सोमवार को गिरफ्तार किया।
इस हादसे में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। पीड़ितों के परिजनों ने शोक संतप्त परिवारों के लिए अधिक मुआवजा और सरकारी नौकरियों की मांग को लेकर दिल्ली-मेरठ राजमार्ग बाधित कर दिया।
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) इराज राजा ने बताया कि मुरादनगर नगर पालिका की कार्यकारी अधिकारी निहारिका सिंह, कनिष्ठ अभियंता चंद्र पाल और सुपरवाइजर आशीष को सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया।
राजा ने बताया कि पुलिस की टीम ठेकेदार अजय त्यागी को गिरफ्तार करने के लिए उसके संभावित ठिकानों पर छापे मार रही है।
उल्लेखनीय है कि मुरादनगर में रविवार को एक श्मशान घाट में छत ढह जाने से 24 लोगों की मौत हो गई थी और 17 अन्य व्यक्ति घायल हो गये थे। पीड़ितों में से अधिकतर लोग एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट आए थे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख प्रकट किया। योगी ने मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
अधिकारियों ने बताया कि श्मशान घाट में जिस गलियारे की छत ढही है, उसका निर्माण कार्य दो महीने पहले शुरू हुआ था। इस गलियारे को बनाने में करीब 55 करोड़ की लागत आई थी और इसे 15 दिन पहले आम लोगों के लिए खोला गया था।
इस बीच, पीड़ितों के परिजनों एवं मित्रों ने मुरादनगर पुलिस थाने के निकट सड़क पर दो शवों को रखकर दिल्ली-मेरठ राजमार्ग बाधित कर दिया। इसके कारण सुबह व्यस्त समय में अहम मार्ग पर हजारों वाहन फंस गए।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शन स्थल पर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं और वे प्रदर्शनकारियों को मार्ग से हटने एवं यातायात को पुन: बहाल होने देने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि उनसे बातचीत के लिए जिलाधिकारी को बुलाया जाए, ताकि वे हर शोकसंतप्त परिवार को 20 लाख रुपए मुआवजा और हर परिवार के एक सदस्य के लिए सरकारी नौकरी की मांग उनके सामने रख सकें।
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