महोबा (उत्तर प्रदेश), 20 मार्च महोबा जिले की पॉक्सो अधिनियम की एक विशेष अदालत ने 15 साल की किशोरी से सामूहिक बलात्कार करने का दोष सिद्ध होने पर शनिवार को तीन दोषियों को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई, साथ ही उनपर 32-32 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
पॉक्सो अदालत में विशेष लोक अभियोजक पुष्पेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले की चरखारी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की 15 साल की लड़की मार्च 2019 में शौच के लिए खेत गयी थी, तभी गांव का लखनलाल राजपूत उसे बहलाकर नाले की तरफ ले गया, वहां अपने साथी कल्लू राजपूत उर्फ बृजेश व पंचू कुशवाहा को भी बुला लिया और तीनों ने उसके साथ बलात्कार किया।
मिश्रा ने बताया कि सामूहिक बलात्कार की इस घटना के बाद तीनों आरोपी तीन माह तक पीड़िता को डरा-धमकाकर उससे दुष्कर्म करते रहे, जिससे किशोरी गर्भवती हो गयी।
उन्होंने बताया कि लड़की के गर्भवती होने के बाद आरोपियों ने 14 जुलाई 2019 को उसे गर्भ गिराने की गोलियां खिला दी, जिसके प्रभाव से लड़की बेहोश हो गयी और होश में आने के बाद परिजनों को पूरी घटना बताई।
एडीजीसी ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (पॉक्सो) के विशेष न्यायाधीश सन्तोष कुमार यादव की अदालत ने शनिवार को लखनलाल राजपूत, कल्लू उर्फ बृजेश और पंचू कुशवाहा को किशोरी के साथ सामूहिक बलात्कार करने का दोषी करार दिया। अदालत ने उन्हें 20-20 साल कैद की सजा सुनाई और तीनों पर 32-32 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
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