नयी दिल्ली, 25 मार्च एक नाबालिग सहित तीन बांग्लादेशी युवकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर उन्हें अपने देश भेजने की व्यवस्था करने का केंद्र को निर्देश देने का आग्रह किया है। उन्होंने दावा किया कि उनके देश से कथित तौर पर उनका अपहरण कर लिया गया और यहां लाया गया।
मामले को बुधवार को न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह के समक्ष सूचीबद्ध किया गया, लेकिन न्यायाधीश द्वारा अदालत नहीं लगाने के कारण याचिका को 13 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया।
तीन युवकों की तरफ से दायर याचिका के मुताबिक वे चार मार्च 2021 को एक परिचित के साथ भारत-बांग्लादेश की सीमा देखने गए थे, जिसने सीमा के नजदीक पहुंचने पर उन्हें कुछ खाने के लिए दिया।
वकील कमलेश कुमार मिश्रा, ऋतु मैती और अभिषेक आनंद के मार्फत दायर याचिका के मुताबिक उसे खाने के बाद तीनों बेहोश हो गाए और दस मार्च को नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उनकी नींद खुली।
याचिका में कहा गया कि इसके बाद तीनों स्थानीय कमला मार्केट थाने गए और अपनी दास्तां सुनाई, जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने उन्हें खाना खाने के पैसे दिए। इसके बाद उन्हें बेघरों के रात्रि आश्रय गृह में भेज दिया गया।
उन्होंने कहा कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के सहयोग से उन्होंने बांग्लादेश उच्चायोग और भारत एवं बांग्लादेश की सरकारी एजेंसियों से संपर्क साधा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
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