‘पुलिस गोलीबारी के जिम्मेदार अधिकारियों को पदोन्नति देने वालों को ‘नंदीग्राम’ दिवस मनाने का हक नहीं’

By भाषा | Updated: March 14, 2021 14:12 IST2021-03-14T14:12:22+5:302021-03-14T14:12:22+5:30

'Those promoting promoters responsible for police firing are not entitled to celebrate Nandigram Day' | ‘पुलिस गोलीबारी के जिम्मेदार अधिकारियों को पदोन्नति देने वालों को ‘नंदीग्राम’ दिवस मनाने का हक नहीं’

‘पुलिस गोलीबारी के जिम्मेदार अधिकारियों को पदोन्नति देने वालों को ‘नंदीग्राम’ दिवस मनाने का हक नहीं’

नंदीग्राम, 14 मार्च भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने रविवार को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर प्रहार करते हुए कहा कि 2007 में नंदीग्राम में पुलिस गोलीबारी के जिम्मेदार अधिकारियों को पदोन्नति देने वाले ‘मौकापरस्तों’ को क्षेत्र के लोगों से वोट मांगने का कोई हक नहीं हैं, क्योंकि उन्होंने आंदोलनकारियों के बलिदान का ‘अपमान’ किया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लिए बिना अधिकारी ने कहा कि जो 12 साल तक नंदीग्राम को भूल गए थे, वे अब यहां वोट मांगने आ रहे हैं।

बनर्जी अपनी कोलकाता की भवानीपुर सीट को छोड़कर अपने पूर्व सहयोगी एवं भाजपा उम्मीदवार अधिकारी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए नंदीग्राम आई हैं, जहां 2007 में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ चलाए गए आंदोलन की वजह से टीएमसी को 2011 के विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी और उसकी सरकार बनी थी।

अधिकारी ने यहां कहा, “2007 में पुलिस की गोलीबारी में 14 लोग शहीद हो गए थे। मैं नंदीग्राम के लोगों के बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए 2008 से हर साल यहां आता हूं।”

उन्होंने कहा, “ चुनावी मौसम हो या न हो, यह मेरे लिए शायद ही मायने रखता है, जबकि मौकपरस्त अब इस जगह पर आ रहे हैं।”

अधिकारी ने कहा, “ यह विडम्बना है कि नंदीग्राम नरसंहार के लिए जिम्मेदार पुलिस अफसरों को पदोन्नति देने वाले अब नंदीग्राम दिवस मना रहे हैं। टीएमसी ने इनमें से कुछ अफसरों को सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें अपनी पार्टी में शामिल भी किया है। उन्हें एक भी वोट न दें जिन्होंने विश्वासघात किया है और आप सबका अपमान किया है।”

नंदीग्राम आंदोलन में भाजपा की भूमिका की सराहना करते हुए अधिकारी ने कहा कि अगर भगवा दल संसद में यह मुद्दा नहीं उठाती तो राष्ट्र का ध्यान कभी भी इस पर नहीं जाता।

उन्होंने कहा, “अगर भाजपा ने इसे संसद में नहीं उठाया होता तो नंदीग्राम आंदोलन कभी भी राष्ट्रीय महत्व हासिल नहीं कर पाता। टीएमसी उन दिनों नंदीग्राम में इसलिए घुस पाई थी, क्योंकि लोकसभा में विपक्ष के तत्कालीन नेता लालकृष्ण आडवाणी माकपा द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़कर सबसे पहले क्षेत्र में आए थे।”

अधिकारी ने कहा, “ कुछ लोग एहसान फरामोश हो सकते हैं, लेकिन मैं नहीं हूं।”

अधिकारी पिछले साल दिसंबर में टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) 14 मार्च को ‘नंदीग्राम दिवस’ के तौर पर मनाती है। पार्टी 2007 में जमीन अधिग्रहण विरोधी आंदोलन के दौरान इस दिन पुलिस की गोलीबारी में मारे गए लोगों के सम्मान में यह दिवस मनाती है। इस घटना से देशभर में रोष व्याप्त हो गया था और कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।

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