तीस साल बाद बुजुर्ग को परिवार से मिलाने वाले आईटीबीपी के तीन जवान सम्मानित

By भाषा | Updated: March 21, 2021 14:26 IST2021-03-21T14:26:18+5:302021-03-21T14:26:18+5:30

Thirty years later, three ITBP jawans honored to bring elderly to family | तीस साल बाद बुजुर्ग को परिवार से मिलाने वाले आईटीबीपी के तीन जवान सम्मानित

तीस साल बाद बुजुर्ग को परिवार से मिलाने वाले आईटीबीपी के तीन जवान सम्मानित

नयी दिल्ली, 21 मार्च भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के तीन जवानों को 70 वर्षीय बुजुर्ग को करीब तीन दशकों बाद कर्नाटक में उनके परिवार से मिलाने में मदद करने के लिए सुरक्षा बल के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है।

उत्तराखंड के लोहाघाट में सीमा बल की 36वीं बटालियन में तैनात जवानों ने राज्य के चल्ती गांव में सड़क किनारे एक दुकान पर केनचापा गोविंदप्पा को इस साल की शुरुआत में उस समय देखा जब उनमें से एक जवान वहां कुछ खाने-पीने के लिए रुका।

कांस्टेबल रियाज सुनकद ने उस व्यक्ति की हालत देखी और बटालियन में अपने दो वरिष्ठ अधिकारियों हेड कांस्टेबल परमानंद पाई और शरण बसावा रागापुर को घटना की जानकारी दी जो खुद भी कर्नाटक के रहने वाले हैं।

पाई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मैं और बसावा बाद में उस दुकान पर गए। हमने देखा कि उस व्यक्ति की शारीरिक स्थिति ठीक नहीं थी और उसे भावनात्मक रूप से सदमा पहुंचा हुआ था क्योंकि वह वर्षों पहले खो गया था और अपने परिवार या रिश्तेदारों से मिल नहीं सका था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह व्यक्ति केवल कन्नड़ जानता था और हिंदी में बातचीत नहीं कर सकता था। वह हाड़ कंपा देने वाली ठंड में भी दुकान के पीछे बने बस स्टॉप पर सोता था।’’

आईटीबीपी के दो जवानों ने दुकान के मालिक से और जानकारी मांगी और उन्हें पता चला कि केनचापा कई साल पहले एक ट्रक में बैठकर यहां आया था और उसे कोई पैसा भी नहीं दिया गया।

पाई ने कहा, ‘‘दुकान का मालिक उसे काम में कुछ मदद करने के बदले में केवल भोजन देता था।’’

वह बदहाल स्थिति में रह रहा था और कोई भी उसका दुख नहीं समझ सकता था क्योंकि कोई भी उसकी भाषा नहीं समझता था।

बाद में दोनों जवानों ने एक वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट किया जिसके बाद उन्हें एक वकील का फोन आया जो केनचापा के परिवार को जानता था। उनका परिवार कर्नाटक के धारवाड़ जिले में कलघाटगी गांव में रहता था।

इसके बाद आईटीबीपी के दोनों जवानों ने 2,000 किलोमीटर की यात्रा शुरू की और केनचापा को दिल्ली लेकर आए। उन्होंने बुजुर्ग को एक होटल में रखा, अच्छी तरह से नहाने और दाढ़ी काटने को कहा, उनके लिए नए कपड़े लाए और उन्हें ट्रेन से कर्नाटक लेकर गए।

पाई ने कहा, ‘‘हमने उन्हें उनके परिवार को सौंप दिया जो उन्हें देखकर बहुत खुश हुए।’’

आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक कुमार पांडेय ने कहा, ‘‘सुरक्षा बल को तीनों जवानों पर गर्व है जिन्होंने अपनी आधिकारिक ड्यूटी से इतर जाकर मानवीय काम को अंजाम दिया।

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