नयी दिल्ली, 24 दिसंबर भारत में कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर अगले साल तीन फरवरी तक चरम पर हो सकती है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में यह दावा किया।
हालांकि, यह पूर्वानुमान इस धारणा पर आधारित है कि भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से प्रभावित अनेक देशों में मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति देखने को मिलेगी।
आईआईटी के अध्ययन के ये निष्कर्ष ऐसे समय में सामने आये हैं जब सरकार ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी का चौथा दौर जारी है। सरकार ने लोगों को क्रिसमस और नये साल आदि के मौके पर सावधानी बरतने को कहा।
अधिकारियों ने कहा कि भारत में अब भी डेल्टा वायरस का प्रभाव सर्वाधिक है और लोगों को भीड़-भाड़ से बचना चाहिए और अनावश्यक यात्रा नहीं करनी चाहिए, वहीं कोविड-19 अनुकूल व्यवहार अपनाते रहना चाहिए।
गत 21 दिसंबर को मेडआरएक्सआईवी पर डाले गये अध्ययन की अभी अन्य विशेषज्ञों ने समीक्षा नहीं की है। इसमें तीसरी लहर का पूर्वानुमान लगाने के लिए गौसियन मिक्चर मॉडल का इस्तेमाल किया गया।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और रूस जैसे देशों से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल किया, जो पहले ही महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहे हैं।
वैज्ञानिकों ने इन देशों में मामलों के दैनिक आंकड़ों का इस्तेमाल कर भारत में तीसरी लहर के असर और समय-सीमा का अनुमान व्यक्त किया। अध्ययन में भारत में पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों का भी इस्तेमाल किया गया है।
शोधकर्ताओं ने लिखा, ‘‘मामले 15 दिसंबर के करीब बढ़ने शुरू हुए और तीसरी लहर का चरम तीन फरवरी, बृहस्पतिवार को होगा।’’
हालांकि अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि अध्ययन में महामारी की लहर के चरम पर रहने के दौरान मामलों की संख्या का ठीक-ठीक अनुमान नहीं लगाया जा सकता क्योंकि इसमें आबादी के टीकाकरण के आंकड़ों पर विचार नहीं किया गया है।
अनुसंधानकर्ताओं में आईआईटी कानपुर के गणित तथा सांख्यिकी विभाग के एस प्रसाद राजेशभाई, शुभ्रा शंकर धर और शलभ शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का टीकाकरण अभियान एक अच्छा प्रयास है लेकिन शत प्रतिशत टीकाकरण तक पहुंचने में कुछ समय लगेगा।
राष्ट्रीय कोविड-19 सुपरमॉडल समिति के अनुसार देश में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर अगले साल की शुरुआत में चरम पर रह सकती है लेकिन दूसरी लहर से हल्की होगी।
समिति के सदस्यों ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप ने डेल्टा की तरह हावी होना शुरू कर दिया तो भारत में संक्रमण के मामलों की दैनिक संख्या बढ़ सकती है।
भारत में शुक्रवार को 24 घंटे की अवधि में कोरोना वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप के 122 मामलों का पता चला, जो अब तक एक दिन में इस स्वरूप के सर्वाधिक मामले हैं। देश में ओमीक्रोन के अब तक 358 मामले सामने आये हैं।
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