महामारी के दौर में भी मप्र के 37 जिलों के सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन नहीं
By भाषा | Updated: June 7, 2021 21:13 IST2021-06-07T21:13:13+5:302021-06-07T21:13:13+5:30

महामारी के दौर में भी मप्र के 37 जिलों के सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन नहीं
भोपाल, सात जून आपदा राहत कोष में केन्द्र से सर्वाधिक 3,700 करोड़ रुपये तथा इसका आधा हिस्सा कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए हासिल होने के बाद भी मध्य प्रदेश के कुल 51 जिलों में से 37 जिलों के सरकारी अस्पतालों में अब तक कोई सीटी स्कैन मशीन नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अधिकतर लोगों के संक्रमण स्तर की जांच सीटी स्कैन से ही हो पा रही है।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा स्वत: संज्ञान लिए गए मामले में न्याय मित्र नियुक्त किए गए वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने सोमवार को पीटीआई-भाषा को बताया कि पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय को सौंपी गई अंतरिम कार्रवाई की सातवीं रिपोर्ट में राज्य सरकार ने कहा है कि वर्तमान में प्रदेश के कुल 51 जिलों में से 14 जिलों के ही सरकारी अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने एक हलफनामे के साथ यह रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंपी है। उच्च न्यायालय ने कोविड-19 महामारी के संकट से निपटने में राज्य सरकार की तैयारियों अथवा कमी पर स्वत: संज्ञान लिया है।
नागरथ ने कहा कि कोविड-19 के लगभग सभी रोग लक्षणों वाले मरीजों को सीटी स्कैन जांच करानी पड़ती है। कोरोना वायरस से फेफड़ों में संक्रमण किस स्तर तक है, इसके लिए सीटी स्कैन जांच अहम होती है, ताकि डॉक्टर इस जांच के आधार पर मरीज को जीवनरक्षक उपचार प्रदान कर सकें।
उन्होंने कहा कि यह बहुत निराशाजनक है कि कोविड-19 की महामारी के दौरान सीटी स्कैन मशीनों की अहमियत को जानने के बावजूद प्रदेश सरकार 37 जिलों के सरकारी अस्पतालों में इस महामारी के कहर को 15 माह झेलने के बाद एक भी मशीन लगाने में विफल रही है।
खबरों के अनुसार, केन्द्र ने आपदा राहत कोष से मार्च 2021 तक देश के 28 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को 30,400 करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी है। इसमें मध्य प्रदेश को सबसे अधिक 3,721 करोड़ रुपये मिले हैं। केन्द्र के निर्देशों के अनुसार राज्यों को इस राशि में से 50 प्रतिशत तक का उपयोग चिकित्सा उपकरणों की खरीद सहित कोविड-19 के निदान उपायों पर व्यय करने की अनुमति दी गई है।
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