बुजुर्गों के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने की जरूरत: उपराष्ट्रपति

By भाषा | Updated: October 1, 2021 18:27 IST2021-10-01T18:27:58+5:302021-10-01T18:27:58+5:30

There is a need to sensitize the society to the challenges faced by the elderly: Vice President | बुजुर्गों के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने की जरूरत: उपराष्ट्रपति

बुजुर्गों के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति समाज को संवेदनशील बनाने की जरूरत: उपराष्ट्रपति

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को लोगों से ‘‘वृद्ध व्यक्तियों’’ के बजाय वृद्धों को ‘‘बुजुर्ग’’ के रूप में संबोधित करने का आग्रह किया और कहा कि समाज को उनके सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है।

अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के मौके पर नायडू ने वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित करने के कार्यक्रम ‘वयो नमन’ के दौरान लोगों को संबोधित किया। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘सैद्धांतिक रूप से मैं उन्हें ‘‘वृद्ध व्यक्तियों’’ के रूप में संबोधित करना पसंद नहीं करता बल्कि उन्हें बुजुर्ग कहना पसंद करता हूं। मैं सभी से आग्रह करूंगा कि वे वृद्ध लोगों को बुजुर्ग के रूप में संबोधित करें न कि वृद्ध व्यक्तियों के रूप में। यह भी हमारी संस्कृति और परंपराओं के अनुरूप है।’’

नायडू ने कहा कि बुजुर्गों के सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति समाज के विभिन्न स्तरों पर संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है क्योंकि वृद्धावस्था से संबंधित समस्याओं का पता नहीं होता है और न ही दूसरों द्वारा पूरी तरह से समझा जाता है। मीडिया और गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को इस संबंध में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘समय की मांग है कि गैर सरकारी संगठन बुजुर्गों के लिए एक सहायक प्रणाली के रूप में कार्य करें और सरकार और उसकी एजेंसियों के प्रयासों में सहयोग करें। वे बुजुर्ग लोगों की समस्याओं के बारे में जागरूकता पैदा करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं और पीढ़ीगत बंधन को मजबूत करने में मदद कर सकते हैं।’’ उपराष्ट्रपति ने बुजुर्गों और गैर सरकारी संगठनों को उनके योगदान के लिए ‘‘वयोश्रेष्ठ सम्मान’’ पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर नायडू ने वृद्ध जनों की सहायता के लिए विशेष हेल्प लाइन-14567 की शुरुआत की। वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीनियर एबल सिटिजन्स रीइम्प्लॉइमेंट इन डिग्निटी (एसएसीआरईडी) तथा सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजिन (एसएजीई) पोर्टल्स की भी उन्होंने शुरुआत की।

उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हमारे वरिष्ठ नागरिक अत्यधिक संवेदनशील समूह हैं, इसलिए हमें उनकी सुरक्षा के लिए एक आसान और कुशल शिकायत निवारण तंत्र प्रदान करने की आवश्यकता है। इस संबंध में वरिष्ठ नागरिकों की शिकायतों के समाधान के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन (एल्डर लाइन) शुरू करने का (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता) मंत्रालय का निर्णय सराहनीय है।’’

नायडू ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में बुजुर्गों की आबादी 10.38 करोड़ है। यह कुल जनसंख्या का लगभग 8.6 प्रतिशत है। वृद्धि दर के आधार पर 2036 तक भारत में बुजुर्गों की आबादी कुल आबादी के लगभग 14.9 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।

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