केंद्रीय मंत्री ने असम के छह समूहों के अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग पर विस्तृत जानकारी नहीं दी

By भाषा | Updated: September 13, 2021 20:08 IST2021-09-13T20:08:19+5:302021-09-13T20:08:19+5:30

The Union Minister did not elaborate on the demand for Scheduled Tribe status for six groups of Assam. | केंद्रीय मंत्री ने असम के छह समूहों के अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग पर विस्तृत जानकारी नहीं दी

केंद्रीय मंत्री ने असम के छह समूहों के अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग पर विस्तृत जानकारी नहीं दी

गुवाहाटी, 13 सितंबर केंद्रीय जनजातीय कार्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को कहा कि केंद्र ने असम के छह समुदायों द्वारा की गई अनुसूचित जनजाति के दर्जे की मांग को ‘‘सकारात्मक तरीके’’ से लिया है, हालांकि उन्होंने उनकी मांग के पूरा होने में प्रगति पर कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी।

उन्होंने कहा कि मांग पर चर्चा के दौरान कुछ मुद्दे उभरे और उन पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘केंद्र सरकार मामले पर गौर कर रही है और यह विचाराधीन है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह (अनुसूचित जनजाति का दर्जा) ऐसा मामला है जिसमें काफी शोध की जरूरत है। यह राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत विभिन्न स्तरों से होकर गुजरने वाली एक लंबी प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया में है, मैं अभी इतना ही कह सकता हूं।’’

यह पूछे जाने पर कि मामला अभी किस स्तर पर है, केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार ने इसे सकारात्मक तरीके से लिया है और इस पर विचार विमर्श के दौरान कुछ मुद्दे सामने आए हैं। इन मुद्दों पर गौर किया जा रहा है।’’ असम राज्य के छह समुदाय - ती जनजाति, ताई अहोम, चुटिया, कोच-राजबंशी, मोटॉक और मोरन अपने लिए अनुसूचित जनजाति का दर्जा मांग रहे हैं, जिसे न तो केंद्र या राज्य में कांग्रेस या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारों ने पूरा किया है।’’

मुंडा ने हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या उनकी वर्तमान यात्रा के दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से इस मामले पर चर्चा हुई थी। मुंडा ने कहा, ‘‘यह ऐसा मुद्दा है जिसमें संवैधानिक मामला शामिल है और हर चीज को लेकर सार्वजनिक मंच पर चर्चा नहीं की जा सकती।’’

इससे पहले, दिन में मुंडा ने आदिवासी (ती जनजाति) संगठनों के एक प्रतिनिधिमंडल को बताया कि केंद्र उनकी मांगों के शीघ्र निपटान के लिए असम सरकार के साथ ब्योरा तैयार कर रहा है, जिनमें से प्रमुख मांग समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना है।

ऑल आदिवासी स्टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ असम (एएएसएए) और आदिवासी नेशनल काउंसिल (एएनसी) के एक संयुक्त प्रेस बयान के अनुसार, मुंडा ने कहा कि उन्होंने इस मामले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाया है जिन्होंने आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी मांग को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

एएएसएए और एएनसी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने चाय बगानों में वेतन वृद्धि सहित आदिवासी संगठनों की विभिन्न मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्री को एक संयुक्त ज्ञापन सौंपा था।

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Web Title: The Union Minister did not elaborate on the demand for Scheduled Tribe status for six groups of Assam.

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