उच्चतम न्यायालय ने पॉक्सो कानून के तहत बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश पर रोक लगाई
By भाषा | Updated: January 27, 2021 15:30 IST2021-01-27T15:30:27+5:302021-01-27T15:30:27+5:30

उच्चतम न्यायालय ने पॉक्सो कानून के तहत बरी करने के बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश पर रोक लगाई
नयी दिल्ली, 27 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी, जिसके जरिये ‘यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण’ (पॉक्सो) कानून के तहत एक व्यक्ति को यह कहते हुए बरी कर दिया गया था कि बच्ची के शरीर को उसके कपड़ों के ऊपर से स्पर्श करने को यौन उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना तथा न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल द्वारा यह विषय पेश किये जाने के बाद उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी।
शीर्ष न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किया और अटार्नी जनरल को बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के 19 जनवरी के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति दी।
गौरतलब है कि 19 जनवरी को उच्च न्यायालय ने कहा था कि चूंकि व्यक्ति ने बच्ची के शरीर को उसके कपड़े हटाये बिना स्पर्श किया था, इसलिए उसे यौन उत्पीड़न नहीं कहा जा सकता। इसके बजाय यह भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का अपराध बनता है।
उच्च न्यायालय ने एक सत्र अदालत के आदेश में संशोधन किया था, जिसमें 39 वर्षीय व्यक्ति को 12 साल की लड़की का यौन उत्पीड़न करने को लेकर तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।
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