दिल्ली पुलिस की कहानी इसके ही एक पूर्व अधिकारी की जुबानी

By भाषा | Updated: September 10, 2021 13:31 IST2021-09-10T13:31:16+5:302021-09-10T13:31:16+5:30

The story of Delhi Police by a former officer | दिल्ली पुलिस की कहानी इसके ही एक पूर्व अधिकारी की जुबानी

दिल्ली पुलिस की कहानी इसके ही एक पूर्व अधिकारी की जुबानी

नयी दिल्ली, 10 सितंबर दिल्ली पुलिस द्वारा 1984 में अंगीकार की गई नागरिक हितैषी नीति तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद इसकी छवि को पहुंची गंभीर क्षति से उबरने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। दिल्ली पुलिस को लेकर लिखी गई एक किताब में यह बात कही गई है।

दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त (दक्षिणी रेंज) के पद से हाल में सेवानिवृत्त हुए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी सुवाशीष चौधरी ने ‘कैपिटल कॉप्स: द अनऑफिशियल गाइड टू दिल्ली पुलिस’ नाम से अपनी पहली किताब लिखी है।

चौधरी ने कहा कि उनकी किताब कई तरह की सूचनाओं से भरी हुई है और इसका लक्ष्य पुलिस बल के बारे में लोगों की जागरुकता बढ़ानी है ताकि नागरिकों और विद्वानों को भी पुलिस पर लिखने से इसकी ताकत और कमजोरियों का उचित अंदाजा हो सके।

उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस शायद पूरे देश का पहला ऐसा पुलिस बल था जिसने न केवल नागरिकों को उनके अधिकारियों के बारे में बल्कि जिम्मेदारियों के बारे में भी जागरुकता पैदा करने और जन सहयोग हासिल करने की दिशा में कदम उठाया।

यह पुस्तक हर-आनंद पब्लिकेशन्स ने प्रकाशित की है।

उन्होंने इसमें लिखा है कि 1984 के सिख विरोधी दंगे और ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद भी आतंकवादी हिंसा का मुकाबला कर रही दिल्ली पुलिस ने एक नया आदर्श वाक्य ‘आपके साथ, आपके लिए सदैव’ अपनाया और इसके साथ नागरिक हितैषी व्यवहार का दृष्टिकोण तैयार किया।

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Web Title: The story of Delhi Police by a former officer

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