किसानों के विरोध का समाधान बातचीत से ही निकलेगा: राकेश टिकैत

By भाषा | Updated: September 27, 2021 19:49 IST2021-09-27T19:49:29+5:302021-09-27T19:49:29+5:30

The solution to the farmers' protest will come only through dialogue: Rakesh Tikait | किसानों के विरोध का समाधान बातचीत से ही निकलेगा: राकेश टिकैत

किसानों के विरोध का समाधान बातचीत से ही निकलेगा: राकेश टिकैत

गाजियाबाद, 27 सितंबर किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के विरोध का समाधान बातचीत से ही हो सकता है, अदालतों में नहीं।

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत गैर राजनीतिक मंच ‘भारतीय छात्र संसद’, पुणे द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान बोल रहे थे। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ सोमवार को देश भर में 10 घंटे के बंद के कारण विभिन्न हिस्सों में कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। विशेष रूप से उत्तर भारत में प्रदर्शनकारियों ने राजमार्गों और प्रमुख सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। प्रदर्शन के कारण कई इलाकों में हजारों लोग घंटों तक फंसे रहे।

टिकैत ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के बैनर तले 10 महीने से जारी प्रदर्शन ‘रोटी’ को बाजार की वस्तु बनने और कृषि क्षेत्र के निजीकरण के प्रयास को रोकने के लिए है। टिकैत ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि इस विरोध का अंत क्या होने वाला है लेकिन आंदोलन शुरू हो गया है और खेती से जुड़े मुद्दों पर अक्सर चर्चा से दूर रहने वाले देश के युवा भी इसमें शामिल हो रहे हैं।’’

आंदोलन के भविष्य से जुड़े एक सवाल पर भाकियू नेता ने कहा, ‘‘केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी विरोध का समाधान केवल बातचीत के माध्यम से निकल सकता है, न कि अदालतों में।’’ उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन तीन कानूनों, कृषि क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग को लेकर है।

एक प्रमुख बहुराष्ट्रीय ‘फास्ट फूड चेन’ का जिक्र करते हुए टिकैत ने दावा किया, ‘‘जब ये स्टोर दिन के अंत में अपना काम बंद कर देते हैं तो उनके पास बहुत सारा बिना बिका भोजन होता है जो कूड़ेदान में जाता है। उनकी दुकानों के बाहर भूखे कर्मचारी या गरीब लोग हो सकते हैं, लेकिन बिना बिका खाना कूड़ेदान में ही जाता है।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार ने अब ‘‘कई संस्थाओं’’ पर ‘‘अवैध रूप से’’ कब्जा कर लिया है, जिसे अब देश भी समझ गया है।

इससे पहले, सत्र में भाजपा विधायक और असम विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ नुमाल मोमिन ने कहा कि नए कानूनों का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में बिचौलियों को रोकना और किसानों तथा उपभोक्ताओं दोनों को लाभान्वित करना है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: The solution to the farmers' protest will come only through dialogue: Rakesh Tikait

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे