मोदी सरकार की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- रिजर्व बैंक ने नकदी बढ़ाने, बैंकों को कर्ज बांटने में सहूलियत देने के उपाय किए

By भाषा | Updated: April 17, 2020 18:11 IST2020-04-17T18:01:15+5:302020-04-17T18:11:01+5:30

रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर को भी 0.25 प्रतिशत घटाकर 3.75 प्रतिशत कर दिया है।’’ बैंकों को रिजर्व बैंक के पास पैसे जमा कराने पर जिस दर पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो दर कहते हैं।

The Reserve Bank took measures to increase cash, facilitate banks to distribute loans: Nirmala Sitharaman | मोदी सरकार की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- रिजर्व बैंक ने नकदी बढ़ाने, बैंकों को कर्ज बांटने में सहूलियत देने के उपाय किए

निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)

Highlightsरिजर्व बैंक ने एक महीने के भीतर राहत उपायों की दूसरी घोषणा करते हुए गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) से संबंधित प्रावधानों में ढील दी।इसके अलावा रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा लाभांश भुगतान पर रोक लगाने के साथ ही कई अन्य घोषणाएं की है।

नयी दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि रिजर्व बैंक बैंकों के पास कर्ज देने के लिए पर्याप्त नकदी बनाये रखने, उन्हें कर्ज वितरण को प्रोत्साहित करने, उन पर वित्तीय दबाव कम करने तथा बाजार की कार्यप्रणाली सामान्य रखने में मदद के लिये कई उपाय किये हैं। सुबह भारतीय रिजर्व बैंक की अप्रत्याशित नीतिगत घोषणाओं के बाद सीतारमण ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 के कारण आ रही दिक्कतों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने कई कदम उठाये हैं, जो प्रणाली में पर्याप्त नकदी बनाये रखने, बैंकों के कर्ज वितरण को प्रोत्साहित करने, वित्तीय दबाव कम करने तथा बाजार में सामान्य कार्यप्रणाली सुनिश्चित करने पर केंद्रित हैं।’’

रिजर्व बैंक ने एक महीने के भीतर राहत उपायों की दूसरी घोषणा करते हुए गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) से संबंधित प्रावधानों में ढील दी। इसके अलावा रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा लाभांश भुगतान पर रोक लगाने के साथ ही बैंकों को कर्ज वितरण के लिये अधिक धन मुहैया कराने को प्रोत्साहित करने के लिए रिवर्स रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती भी की।

वित्त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ने किसानों, छोटे एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) तथा आवास क्षेत्र के लिये कर्ज की उपलब्धता बढ़ाने को लेकर नाबार्ड, सिडबी तथा राष्ट्रीय आवास बैंक के लिये 50 हजार करोड़ रुपये के विशेष पुनर्वित्तपोषण की भी घोषणा की। इस 50 हजार करोड़ रुपये में नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपये, सिडबी को 15 हजार करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आवास बैंक को 10 हजार करोड़ रुपये मिलेंगे ताकि वे कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र, छोटे उद्योगों, आवास वित्त कंपनियों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) की दीर्घकालिक वित्तीय जरूरतें पूरा कर सकें।

सीतारमण ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने एमएसएमई के लिये नकदी उपलब्धता बढ़ाने को लेकर और 50 हजार करोड़ रुपये की दीर्घकालिक रेपो आधारित लाक्षित ऋण सुविधा (टारगेटेड एलटीआरओ) की घोषणा की। यह राशि छोटे एनबीएफसी तथा एमएफआई की सहायता के लिए केंद्रित हैं। भविष्य में जरूरत पड़ने पर राशि को बढ़ाया भी जा सकता है।

रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर को भी 0.25 प्रतिशत घटाकर 3.75 प्रतिशत कर दिया है।’’ बैंकों को रिजर्व बैंक के पास पैसे जमा कराने पर जिस दर पर ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो दर कहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि एमएसएमई के ऋण खातों के एनपीए हो जाने के जोखिम को देखते हुए कर्ज की किस्तें चुकाने पर दी गयी तीन महीने की छूट की अवधि को एनपीए वर्गीकरण प्रावधानों से अलग कर दिया गया है।

इसका अर्थ हुआ कि अब किस्त चुकाने में चूक करने के 180 दिन बाद संबंधित ऋण खाता एनपीए कहा जाएगा। पहले यह अवधि 90 दिन की थी। यह बैंकों तथा एनबीएफसी दोनों के कर्जदारों पर लागू होगा। उन्होंने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक ने राज्यों के लिये कर्ज जुटाने के विभिन्न उपायों की सीमा भी बढ़ाकर 60 प्रतिशत से तथा 31 मार्च के स्तर से बढ़ा दी है। इससे राज्यों को राजस्व संग्रह में आयी तात्कालिक गिरावट के कारण पैसों की आ रही दिक्कत दूर करने में मदद मिलेगी।’’  

Web Title: The Reserve Bank took measures to increase cash, facilitate banks to distribute loans: Nirmala Sitharaman

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