मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने बीजेपी के एक लंबे समय का सत्ता को अपने हाथों में ले लिया है। ऐसे में पार्टी जल्द से जल्दा जनता से किए वादों को भी पूरा करना चाहती है। यही कारण है कि यहां सरकार बनने के दस दिन के भीतर किसानों की कर्ज माफी करने के लिए पंजाब और महाराष्ट्र मॉडल के साथ तेलंगाना, कर्नाटक राज्यों द्वारा किए गए प्रयासों का अध्ययन शुरू कर दिया है।
इतना ही नहीं अपेक्स बैंक के एमडी आरके शर्मा से भी कहा गया है कि वे सहकारी बैंकों व सोसायटी से कर्ज की राशि से जुड़े तमाम आंकड़े एकत्रित कर लें। कमलनाथ के शपथ लेने के साथ ही प्रारूप उनके सामने रखा जा सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कर्जमाफी को लेकर नया फार्मूला भी बनाया है।
शनिवार को मुख्य सचिव बीपी सिंह ने कर्ज माफी को लेकर कृषि व सहकारी अफसरों के साथ चर्चा करेंगे। रविवार को कमलनाथ भी तैयारी की जानकारी ले सकते हैं। वह 10 शपथ के 10 दिन में ही किसानों के कर्जमाफी के वादे को पूरा करना चाहते हैं।
इन दो अफसर गए पंजाब और महाराष्ट्र
खबरों की मानें तो पंजाब और महाराष्ट्र मॉडल का अध्ययन करने के लिए मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक फैज अहमद किदवई चंडीगढ़ और एडीशनल डायरेक्टर बीएम सहारे महाराष्ट्र गए हैं। ये यहां की कैटेगरी को समझतक कर्जमाफी के तरीके को राज्य के लिए समझेंगे। ताकि एमपी के लिए इसको प्रयोगितग किया जा सके। सरकार के गठन के तुरंत बाद दस दिन के भीतर कर्ज माफी के आदेश जारी होंगे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की नई सरकार को कर्जमाफी के लिए कम से कम 18 से 20 हजार करोड़ रुपए की जरूरत होगी।