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प्रधानमंत्री ने युद्धक टैंक ‘अर्जुन’ सेना को सौंपा; तमिलनाडु, केरल में बड़ी परियोजनाओं की नींव रखी

By भाषा | Updated: February 14, 2021 22:55 IST

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चेन्नई/ कोच्चि, 14 फरवरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्वदेश निर्मित अर्जुन मुख्य युद्धक टैंक (एमके-1ए) को सेना को सौंपा और तमिलनाडु तथा केरल में कई अवसंरचना परियोजनाओं की आधारशिला रखी जिसमें आत्मनिर्भर भारत और विकास पर जोर दिया गया।

मोदी ने चेन्नई के नेहरू स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में इस अत्याधुनिक टैंक की सलामी भी ली। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के यहां स्थित युद्धक वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा निर्मित इस अत्याधुनिक टैंक को देश में डिजाइन, विकसित और निर्मित किया गया है।

मोदी ने बाद में टैंक की एक प्रतिकृति सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे को सौंपी।

उन्होंने कहा, ‘‘आज मुझे अपनी सरहदों की रक्षा के लिए देश को एक और योद्धा को समर्पित करने पर गर्व हो रहा है। मुझे स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित अर्जुन एमके-1ए सौंपने पर गर्व है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वदेशी गोला-बारूद भी उपयोग करता है। तमिलनाडु पहले से ही भारत का अग्रणी ऑटो विनिर्माण केंद्र है। अब मैं तमिलनाडु को भारत के टैंक निर्माण केंद्र के रूप में विकसित होते देख रहा हूं।’’

मोदी ने कहा, ‘‘तमिलनाडु में बने टैंक का इस्तेमाल हमारे देश को सुरक्षित रखने के लिए हमारी उत्तरी सीमा में किया जाएगा। यह भारत की एकजुट भावना- भारत एकता दर्शन को दर्शाता है।’’

तमिलनाडु में उन्होंने तमिल संस्कृति की प्रशंसा की और केरल में उन्होंने खाड़ी देशों में काम करने वाले लोगों का जिक्र कर केरल वासियों तक पहुंचने का प्रयास किया और उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि देश को उन पर गर्व है।

उन्होंने अपनी अपील पर खाड़ी देशों में रहने वाले भारतीयों का ख्याल रखने के लिए खाड़ी देशों की प्रशंसा की।

केरल और तमिलनाडु में अप्रैल या मई में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है।

प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा क्षेत्र में ग्रैंड एनिकट नहर प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए 2640 करोड़ रुपये की परियोजना की आधारशिला रखी जिसका उद्देश्य 2.27 लाख एकड़ भूमि पर सिंचाई सुविधा में सुधार लाना है। उन्होंने आईआईटी-मद्रास परिसर में अनुसंधान परिसर की भी नींव रखी।

मोदी ने रविवार को तमिलनाडु में चेन्नई मेट्रो रेल के पहले चरण के विस्तार का उद्घाटन किया और रेलवे समेत अलग-अलग क्षेत्रों की विभिन्न परियोजनाओं की आधारशिला रखी और इसे नवाचार और स्वदेशी विकास का प्रतीक करार दिया।

उन्होंने कहा कि विश्व बड़े उत्साह और सकारात्मकता के साथ भारत की ओर से देख रहा है। भारत की 130 करोड़ जनता के कठिन परिश्रम की बदौलत यह दशक भारत का होने वाला है।

वहीं स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘‘ मानवता का रुख रखते हुए भारत कोविड-19 के खिलाफ विश्व के संघर्ष में बड़ा योगदान दे रहा है।’’

प्रधानमंत्री प्रत्यक्ष तौर पर महामारी के खिलाफ लड़ाई में अहम टीके को दूसरे देशों को मुहैया कराने के भारत के प्रयास का हवाला दे रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें वह करना जारी रखना होगा जो भी हम देश के विकास और दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए कर सकते हैं। हमारे देश के संविधान निर्माता हमसे यही चाहते थे।’’

नेहरू इंडोर स्टेडियम में हुए भव्य समारोह में मोदी ने उत्तरी चेन्नई में वाशरमैनपेट को विमको नगर से जोड़ने वाले मेट्रो के 9.01 किलोमीटर लंबे भाग का उद्घाटन किया। इस परियोजना में 3,770 करोड़ रुपये का खर्च आया है।

उन्होंने कहा कि इस परियोजना का कार्य महामारी के बाद भी तय समय-सीमा के अनुसार पूरा हुआ और भारतीय इंजीनियरों द्वारा यहां निर्माण और रेलवे वाहनों से संबंधित स्थानीय खरीद से ’आत्मनिर्भर भारत’ की अवधारणा को बल मिला।

इस विस्तार की वजह से पहले चरण की कुल लंबाई 54.05 किलोमीटर हो गई है और लोग उत्तर चेन्नई क्षेत्र से मेट्रो का इस्तेमाल करते हुए दक्षिण में हवाई अड्डे तक की यात्रा कर सकते हैं।

मोदी ने चेन्नई बीच अट्टीपट्टू की चौथी लाइन और विल्लुपुर की मयलादुथुरई तंजावुर/मयलादुथुरई तिरुवुर एकल रेल लाइन के विद्युतीकरण को राष्ट्र को समर्पित किया।

उन्होंने आईआईटी मद्रास में एक डिस्कवरी कैंपस की आधारशिला भी रखी, जिसका निर्माण पहले चरण में 1,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से नजदीकी थय्यूर में किया जाएगा। कैंपस का निर्माण दो लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में किया जाएगा। भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य में इन परियोजनाओं का उद्घाटन नवाचार और स्वदेशी विकास का प्रतीक है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल का बजट सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि विश्व बड़े उत्साह और सकारात्मकता के साथ भारत की ओर से देख रहा है। भारत की 130 करोड़ जनता के कठिन परिश्रम की बदौलत यह दशक भारत का होने वाला है। उन्होंने कहा कि देश ढांचागत निर्माण और सामाजिक बुनियादों को भी ‘तेज गति’ से बढ़ा रहा है और इसके पास अब बड़े ढांचागत निर्माणों में से एक है।

उन्होंने जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह सिर्फ राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है बल्कि वैश्विक मुद्दा है। उन्होंने कहा, ‘‘बूंद-बूंद के साथ ज्यादा फसल।’’

कार्यक्रम में तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित, मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी, उप मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम तथा मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य, सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता एम थंबीदुरई, के पी मनुस्वामी और गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं ने शिरकत की।

केरल में प्रधानमंत्री ने भाजपा नेताओं से कहा कि वे केंद्र के विकास कार्यों के बारे में लोगों को जानकारी देकर अगाामी विधानसभा चुनाव लड़ें।

कोच्चि में उन्होंने भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के छह हजार करोड़ रुपये के पेट्रो-रसायन परिसर को देश के नाम समर्पित किया।

इसके अलावा उन्होंने विलिंग्डन द्वीप के अंतर्देशीय जलमार्ग के लिये रो-रो (रोल-आन, रोल-आफ) पोप सुविधा का भी उद्धाटन किया।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर कहा कि इन परियोजनाओं से भारत की आर्थिक वृद्धि को बल मिलेगा।

मोदी ने केरल की एक संक्षिप्त यात्रा के दौरान कोचीन बंदरगाह न्यास के अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल और कोचीन शिपयार्ड के विज्ञान सागर परिसर का भी उद्घाटन भी किया। यह परिसर मरीन (सागरीय) इंजीनियरिंग प्रशिक्षण संस्थान का परिसर है।

उन्होंने यहां एक समारोह में कोचीन बंदरगाह न्यास के साउथ कोल बर्थ की आधारशिला भी रखी। इस बर्थ (घाट) से कोयले की ढुलाई होगी।

मोदी ने कोच्चि रिफाइनरी के समीप स्थित प्रोपलीन डेरिवेटिव पेट्रोकेमिकल प्रोजेक्ट (पीडीपीपी) का जिक्र करते हुए कहा कि इससे हर साल काफी विदेशी मुद्रा की बचत होगी। इस संयंत्र में अभी मुख्य रूप से आयात किये जाने वाले ऐक्राइलिक एसिड, ऑक्सो-अल्कोहल और एक्रिलेट्स का उत्पादन होगा।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मनसुख एल मंडाविया तथा वी मुरलीधरन ने यहां अंबालामेडु में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया।

मोदी ने राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या तीन पर जिस रो-रो सुविधा का उद्घाटन किया उसमें दो नए रो-रो पोत लगाए जा रहे है। वे बोलगत्ती और विलिंगटन के बीच चलेंगे। इस सेवा से परिवहन लागत और समय की बचत होगी तथा सड़कों पर जाम कम करने में भी मदद मिलेगी।

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