इंदौर (मध्यप्रदेश), 26 अप्रैल सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर यहां 44 वर्षीय व्यक्ति ने सोमवार को आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों ने उसके साथ बदसलूकी करते हुए उसके कपड़े फाड़ दिए, जब वह कोविड-19 की जांच कराने जा रहा था।
इस वीडियो में लोकनाथ गौतम (44) के रूप में अपना परिचय देते हुए इस व्यक्ति ने कहा, "मैं कोविड-19 की जांच के लिए ऑटो रिक्शा से एक निजी प्रयोगशाला जा रहा था। चोइथराम चौराहे पर कुछ पुलिस कर्मियों ने ऑटो रिक्शा को रोककर इसके चालक को बेरहमी से पीटा और मुझे भी इस वाहन से घसीटकर बाहर निकाला जिससे मेरी टी-शर्ट फट गई।"
उन्होंने कहा, "हमने पुलिस कर्मियों को बताया कि मैं कोविड-19 की जांच कराने जा रहा हूं। लेकिन वे हमारी बात सुनने को राजी नहीं थे।"
गौतम ने कहा, "मैं और ऑटो रिक्शा चालक पुलिस की ज्यादती के शिकार हुए हैं। हमें न्याय मिलना चाहिए।"
वीडियो में इस व्यक्ति की टी-शर्ट फटी नजर आ रही है, जबकि ऑटो रिक्शा चालक के हाथ पर खरोंच के निशान दिखाई दे रहे हैं।
उधर, राजेंद्र नगर पुलिस थाने की प्रभारी अमृता सोलंकी ने बताया कि उन्हें वायरल वीडियो की जानकारी मिली है। लेकिन गौतम की ओर से उन्हें पुलिस कर्मियों की ज्यादती की कथित घटना को लेकर कोई औपचारिक शिकायत अब तक नहीं मिली है।
उन्होंने कहा, "शिकायत मिलने पर हम इसकी जांच करेंगे और कथित घटना में पुलिस कर्मियों की भूमिका पाए जाने पर उनके खिलाफ उचित कदम उठाएंगे।"
गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां महामारी की रोकथाम के लिए प्रशासन ने 30 अप्रैल तक "जनता कर्फ्यू" (आंशिक लॉकडाउन) लागू किया है। इसके तहत आम लोगों से कहा गया है कि वे बेहद जरूरी काम होने पर ही घर से निकलें।
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