प्रदेश के लंबित खनन मुद्दों का जल्द समाधान हो : गहलोत
By भाषा | Updated: July 20, 2021 21:10 IST2021-07-20T21:10:20+5:302021-07-20T21:10:20+5:30

प्रदेश के लंबित खनन मुद्दों का जल्द समाधान हो : गहलोत
जयपुर, 20 जुलाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में खनिज संपदा के विपुल भंडार मौजूद हैं और वैज्ञानिक व पर्यावरण अनुकूल तरीके से उनका समुचित दोहन देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
उन्होंने राजस्थान में खनन क्षेत्र की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र के स्तर पर लंबित मुद्दों के जल्द समाधान की पुरजोर पैरवी की।
गहलोत मंगलवार को केन्द्रीय खान मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ राजस्थान में खनन से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा कर रहे थे।
उन्होंने खनन के लिए पर्यावरण स्वीकृतियों में लगने वाली देरी के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और कहा कि केन्द्रीय खान मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित कर पर्यावरणीय स्वीकृतियां जल्द दिलाने में सहयोग करे, इससे देश के सभी राज्यों को खनन गतिविधियों को आगे बढ़ाने में आसानी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज ब्लॉकों की नीलामी के बाद खनन पट्टा जारी करने की कार्यवाही जल्द की जाए। उन्होंने कहा कि जियोलॅजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) एवं मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (एमईसीएल) द्वारा अन्वेषण रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले इस बात का परीक्षण कर लिया जाए कि संबंधित खनिज ब्लॉक व्यावसायिक दृष्टि से खनन के लिए उपयुक्त है या नहीं।
गहलोत ने कहा कि देश में खनिज अन्वेषण को गति देने के लिए नेशनल माइनिंग एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (एनएमईटी) का गठन किया गया। राजस्थान ने भी इसमें लगभग 256 करोड़ रुपये का अंशदान दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने पांच परियोजनाओं के प्रस्ताव भेजे थे, लेकिन एनएमईटी ने उन्हें अस्वीकार कर दिया। राजस्थान की मात्र सात परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
केन्द्रीय खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के सकारात्मक सहयोग से देशभर में खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
उन्होंने आश्वासन दिया कि केन्द्रीय खान मंत्रालय राजस्थान से जुड़े खनन मुद्दों पर जल्द कार्यवाही सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में खनिज अन्वेषण को गति देने के लिए एनएमईटी को अधिक धन दिया जाएगा।
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