अतीत पीछा नहीं छोड़ता: अलिफ शफक ने अपने नए उपन्यास पर कहा

By भाषा | Updated: September 7, 2021 14:56 IST2021-09-07T14:56:26+5:302021-09-07T14:56:26+5:30

The past does not give up: Alif Shafaq on his new novel | अतीत पीछा नहीं छोड़ता: अलिफ शफक ने अपने नए उपन्यास पर कहा

अतीत पीछा नहीं छोड़ता: अलिफ शफक ने अपने नए उपन्यास पर कहा

(तृषा मुखर्जी)

नयी दिल्ली, सात सितंबर तटस्थ रहकर कोई युद्ध की कहानियां कैसे लिख सकता है? लेखिका अलिफ शफक का कहना है कि उन्हें इसका जवाब अंजीर के एक पेड़ में मिला जिसे उन्होंने एक तुर्क महिला और एक यूनानी पुरुष की प्रेम कहानी सुनाने वाले के रूप में गढ़ा और आपस में प्रतिस्पर्धा करते “राष्ट्रवादों” तथा “धर्मों” की पृष्ठभूमि में उपन्यास की रचना की।

तुर्क-ब्रितानी लेखिका की ताजा उपन्यास “द आइलैंड ऑफ मिसिंग ट्रीज” ऐसी कहानी है जो वह लंबे समय से लिखना चाहती थीं लेकिन किसी को “सुनाने की जुर्रत नहीं कर सकती थीं।” इस कहानी की रुपरेखा 1960 के दशक के साइप्रस में गढ़ी गई है जब भूमध्य सागर में स्थित यह द्वीप, तुर्की और यूनानी साइप्रस के बीच गृह युद्ध में फंसा था।

शफक का यह उपन्यास लगभग 350 पन्नों का है और देफने तथा कोस्तास की प्रेम कहानी के इर्द गिर्द घूमता है। शफक ने ईमेल के जरिये पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, “साइप्रस एक सुंदर द्वीप है जहां अच्छे लोग रहते हैं। यह ऐसा द्वीप भी है जहां कई अनकही कहानियां, दुख और पीड़ा समेटे हुए लोग हैं। उनके घाव भरे नहीं हैं। बिलकुल भी नहीं। अतीत ने उनका पीछा नहीं छोड़ा है, अतीत उनके वर्तमान के साथ जीवित है।”

बुकर पुरस्कार के लिए नामित लेखिका ने कहा, “इसलिए इस जटिल और भावनात्मक रूप से भारी विषय पर लिखना कठिन था। आप उस भूमि की कहानी कैसे लिख सकती हैं जो एक सीमा से विभाजित किया गया, सामुदायिक संघर्ष से नष्ट हुआ और जिसने कई वर्षों तक हिंसा तथा परस्पर संघर्षरत राष्ट्रवादों और धर्मों की विभीषिका झेली है। आप राष्ट्रवाद या जनजातीयता के जाल में फंसे बिना वह कहानी कैसे गढ़ सकते हैं?”

शफक (49) ने 17 किताबें लिखी हैं जिनमें से 11 उपन्यास हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि कहानी कहां से शुरू करें, तभी उन्हें कहानी सुनाने के लिए अंजीर के एक पेड़ का विचार आया जो न तुर्क था न यूनानी, पुरुष न महिला, जीतने वाला न हारने वाला।

उन्होंने कहा कि पेड़ और प्रकृति के जरिये उन्हें एक नया दृष्टिकोण प्राप्त हुआ। शफक का उपन्यास ‘द आइलैंड ऑफ मिसिंग ट्रीज’ इस साल पांच सितंबर को बाजार में आया।

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Web Title: The past does not give up: Alif Shafaq on his new novel

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