मोदी-जिनपिंग शिखर वार्ताः अगर चीन ने उठाया कश्मीर का मुद्दा तो भारत ऐसे देगा जवाब
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 9, 2019 11:52 IST2019-10-09T11:52:21+5:302019-10-09T11:52:21+5:30
मोदी-शी शिखर वार्ता में व्यापार, राजनीतिक संबंधों, आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर चर्चा होगी।

मोदी-जिनपिंग शिखर वार्ताः अगर चीन ने उठाया कश्मीर का मुद्दा तो भारत ऐसे देगा जवाब
भारत ने चीन समेत सभी देशों को स्पष्ट तौर पर बताया है कि अनुच्छेद 370 को हटाना भारत का आंतरिक मामला है। 11 अक्टूबर को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता में अगर यह मुद्दा उठता है तो पीएम मोदी अपना पक्ष समझाएंगे। कश्मीर पर भारत का रुख एकदम स्पष्ट है। पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि मोदी-शी शिखर वार्ता में व्यापार, राजनीतिक संबंधों, आतंकवाद से निपटने के तरीकों पर चर्चा होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति के भारतीय दौरे के दौरान वह किसी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक अनाधिकारिक दौरा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता में संबंधों को गहरा करने के व्यापक तरीकों की खोज पर ध्यान केंद्रित होगा। सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर 2019 में भारत और चीन आतंक के खिलाफ साझा अभ्यास करेंगे।
भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री के आमंत्रण पर ‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ के प्रमुख शी जिनपिंग अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए 11 -12 अक्टूबर 2019 को चेन्नई में होंगे।’’ शिखर वार्ता चेन्नई के समीप प्राचीन तटीय शहर मामल्लापुरम में होगी। मंत्रालय ने कहा कि शिखर वार्ता के दौरान दोनों देश भारत-चीन विकास साझेदारी को गहरा करने पर विचार विमर्श करेंगे।
Sources: All countries, including China, have been told categorically and clearly that abrogation of Article 370 is totally India‘s internal matter. There is no scope of discussion on this issue. https://t.co/UkZph1dFVR
— ANI (@ANI) October 9, 2019
इससे पहले 27-28 अप्रैल 2018 को पीएम मोदी चीन के वुहान शहर में अनौपचारिक शिखर बैठक के लिए जा चुके हैं। मोदी और जिनपिंग के दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन से पहले चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने कहा कि भारत और चीन को क्षेत्रीय स्तर पर संवाद के माध्यम से शांतिपूर्वक विवादों का हल करना चाहिए।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर