श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले अब 8 अप्रैल को होगी श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि के दावे पर ठा. केशवदेव के सेवायत के दावे पर सुनवाई

By भाषा | Updated: March 9, 2021 19:47 IST2021-03-09T19:47:34+5:302021-03-09T19:47:34+5:30

The matter of Shri Krishna's birthplace will now be on April 8 on the claim of the land of Shri Krishna Janmabhoomi. Hearing on Keshavdev's claim for service | श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले अब 8 अप्रैल को होगी श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि के दावे पर ठा. केशवदेव के सेवायत के दावे पर सुनवाई

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले अब 8 अप्रैल को होगी श्रीकृष्ण जन्मभूमि की भूमि के दावे पर ठा. केशवदेव के सेवायत के दावे पर सुनवाई

मथुरा, नौ मार्च श्रीकृष्ण जन्मभूमि से संबंधित समस्त 13.37 एकड़ भूमि का मालिकाना हक ठा. केशवदेव मंदिर के सेवायत को सौंपने एवं उक्त भूमि के एक हिस्से पर बनी शाही ईदगाह को हटाकर उक्त भूमि भी मंदिर ट्रस्ट को लौटा देने के दावे पर सुनवाई अब आठ अपै्रल को होगी।

सिविल जज (प्रवर वर्ग) नेहा बधौतिया ने सोमवार को इस मामले में पवन कुमार शास्त्री द्वारा दायर किए गए वाद की सुनवाई आठ अप्रैल को करने की तारीख दी है।

जिला शासकीय अधिवक्त शिवराम सिंह तरकर ने बताया, कटरा केशवदेव (मल्लपुरा) में स्थित ठा. केशवदेव के सेवायत पुजारी पवन कुमार शास्त्री उर्फ गौतम ने विगत दो फरवरी को वाद दाखिल कर श्रीकृष्ण जन्मभूमि की समस्त भूमि पर ठा. केशवदेव का मालिकाना हक जताते हुए उक्त परिसर में बनी हुई ईदगाह को हटाकर सभी अधिकार उसे सौंपने की मांग की थी।

सुनवाई के पश्चात अदालत ने चार फरवरी को वाद विचारार्थ स्वीकार कर सुनवाई के लिए 8 मार्च की तिथि तय की थी। लेकिन मंगलवार को हुई सुनवाई में एक बार फिर तारीख देते हुए एक माह पश्चात सुनवाई करना तय किया गया है।

इस मामले में पक्षकार बनने के लिए प्रार्थना पेश करने वाले अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा की मांग पर भी निर्णय संभवतः उसी दिन होगा। वैसे, इस मामले में शास्त्री के पैरोकार अधिवक्ता रमेश चंद्र भारद्वाज ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष लखनऊ निवासी सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री सहित आधा दर्जन लोगों ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही ईदगाह मैनेजमेंट कमेटी के बीच 1967 में हुए आपसी समझौते को पूरी तरह से अवैध बताते हुए उसे निरस्त करने एवं उक्त भूमि को खाली कराकर मंदिर न्यास को सौंपे जाने की मांग की थी।

इसके बाद कई अन्य लोगों ने उक्त प्रकरण में शामिल होने तथा अलग से वाद दर्ज कराए जाने को लेकर जनपद की विभिन्न अदालतों में वाद दायर किए हैं। जिनमें से कुछ याचिकाएं निरस्त हो गईं तथा कुछ पर सुनवाई चल रही है।

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Web Title: The matter of Shri Krishna's birthplace will now be on April 8 on the claim of the land of Shri Krishna Janmabhoomi. Hearing on Keshavdev's claim for service

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