सामान गुम होने का मामला, न्यायालय ने रेलवे की याचिका पर विचार करने से किया इनकार

By भाषा | Updated: February 12, 2021 22:36 IST2021-02-12T22:36:16+5:302021-02-12T22:36:16+5:30

The matter of missing goods, the court refused to consider the petition of the railway | सामान गुम होने का मामला, न्यायालय ने रेलवे की याचिका पर विचार करने से किया इनकार

सामान गुम होने का मामला, न्यायालय ने रेलवे की याचिका पर विचार करने से किया इनकार

नयी दिल्ली, 12 फरवरी उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग (एनसीडीआरसी) के फैसले के खिलाफ रेलवे की एक याचिका पर विचार करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। एनसीडीआरसी ने 2003 में यात्रा के दौरान एक महिला का सामान गुम होने पर हर्जाना दिए जाने के आदेश को बरकरार रखा था।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ के समक्ष एनसीडीआरसी के चार फरवरी 2019 के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई हुई।

एनसीडीआरसी ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग के फरवरी 2017 के आदेश के खिलाफ रेलवे द्वारा दाखिल याचिका को खारिज कर दिया था।

राज्य आयोग ने रेलवे की याचिका खारिज कर दी थी। जिला उपभोक्ता विवाद निपटारा मंच ने रेलवे को शिकायतकर्ता महिला का सामान गुम होने के लिए 1,33,400 रुपये का हर्जाना दिए जाने का निर्देश दिया था। रेलवे ने इस आदेश को राज्य आयोग में चुनौती दी थी।

शिकायतकर्ता राधा रामनाथन ने 2005 में जिला उपभोक्ता मंच में एक शिकायत देकर रेलवे को सामान गुम होने के हर्जाने और मुकदमे की सुनवाई में खर्च के लिए 1.33 लाख रुपये दिए जाने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।

रामनाथन की ओर से शीर्ष अदालत में अधिवक्ता जोस अब्राहम पेश हुए और उन्होंने रेलवे द्वारा दाखिल याचिका को खारिज करने का अनुरोध किया।

रामनाथन ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने 22 जनवरी 2003 को हजरत निजामुद्दीन से सिकंदराबाद जाने के लिए आरक्षित एसी डिब्बे में यात्रा के लिए रेलवे से टिकट ली थी।

महिला ने आरोप लगाया कि ट्रेन में सवार होने पर उन्होंने पाया कि सूटकेस को बांधकर रखने के लिए सीट के नीचे कड़ी नहीं है। शिकायतकर्ता ने कहा कि सूटकेस में कुछ साड़ियां और जेवरात थे। यात्रा के दौरान भोपाल पहुंचने पर पता चला कि सूटकेस गायब है इसके बाद उन्होंने डिब्बा में तैनात सहायक को इसकी सूचना दी और रिपोर्ट दर्ज करायी।

उन्होंने आरोप लगाया कि डिब्बे में कई अनधिकृत लोग दाखिल हुए थे और टिकट जांच करने वाले या रेलवे सुरक्षा बल ने किसी को भी नीचे उतरने के लिए नहीं कहा था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: The matter of missing goods, the court refused to consider the petition of the railway

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे