गुपकर गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक में होंगे शामिल : फारुक अब्दुल्ला

By भाषा | Updated: June 22, 2021 16:07 IST2021-06-22T16:07:18+5:302021-06-22T16:07:18+5:30

The leaders of the Gupkar alliance will attend the meeting called by the Prime Minister: Farooq Abdullah | गुपकर गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक में होंगे शामिल : फारुक अब्दुल्ला

गुपकर गठबंधन के नेता प्रधानमंत्री की ओर से बुलाई गई बैठक में होंगे शामिल : फारुक अब्दुल्ला

श्रीनगर, 22 जून गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) नयी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बृहस्पतिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होगा। यह जानकारी गठबंधन के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने दी।

यह घोषणा यहां अब्दुल्ला के गुपकर रोड स्थित आवास पर केंद्र के निमंत्रण को लेकर चर्चा करने के लिए मंगलवार को बुलाई गई पीएजीडी नेताओं की बैठक के बाद की गई।

गठबंधन के अन्य नेताओं के साथ मौजूद अब्दुल्ला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें प्रधानमंत्री का निमंत्रण मिला है और हम (बैठक में) शामिल होंगे।’’

पीएजीडी अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन को विश्वास है कि वह बैठक के दौरान प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने अपना पक्ष रखने में सक्षम होगा। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘बैठक समाप्त होने के बाद हम आपको यहां और दिल्ली में बताएंगे कि हमने वहां क्या किया, हमने क्या कहा और उनकी प्रतिक्रिया क्या थी।”

यह पूछे जाने पर कि गठबंधन का क्या रुख होगा, अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘आप सभी हमारे रुख के बारे में जानते हैं और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है। हमारा पहले जो रुख था, वह अब भी है और आगे भी वही रहेगा।’’

पीएजीडी के विभिन्न घटकों ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा फिर से बहाल किए जाने और इसे फिर से राज्य बनाए जाने का अनुरोध किया है।

अब्दुल्ला ने कहा कि जिन्हें आमंत्रित किया गया है, वे सभी बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं, (पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष) महबूबा (मुफ्ती) जी, (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी नेता एम वाई) तारिगामी साहब और हमारे (गठबंधन के) वे सभी लोग जाएंगे, जिन्हें आमंत्रित किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि निमंत्रण विभिन्न दलों के नेताओं को भेजा गया है और ‘‘वे सभी जाएंगे और वहां अपनी बात रखेंगे’’। बैठक के एजेंडे के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘उनकी तरफ से (केंद्र की तरफ से) कोई एजेंडा नहीं बताया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम वहां किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं।’’

केंद्र शासित प्रदेश के लिए भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा के मकसद से प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की अगस्त 2019 में घोषणा की थी, जिसके बाद से पहली बार इस प्रकार की कोई बैठक हो रही है। पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) मुख्यधारा की छह पार्टियों का गठबंधन है, जो जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के बाद अस्तित्व में आया था।

गठबंधन की उपाध्यक्ष और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के रुख को दोहराया और कहा कि वह जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के साथ ही इसके विशेष दर्जा को बहाल करने की मांग रखेंगी।

महबूबा ने कहा, ‘‘हमसे जो छीन लिया गया, हम उस बारे में बात करेंगे कि यह गलती है, अवैध है और असंवैधानिक कृत्य है और इसे बहाल किए बगैर जम्मू-कश्मीर के मुद्दा का समाधान नहीं किया जा सकता और जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित नहीं की जा सकती है।’’

पीएजीडी के प्रवक्ता और माकपा नेता एम. वाई. तारिगामी ने भी संकेत दिए कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक में पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जा की बहाली की मांग रखेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सितारों की मांग नहीं कर रहे हैं, बल्कि जो हमारा रहा है और हमारा होना चाहिए वहीं मांग रखेंगे। चूंकि, प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक के एजेंडा के बारे में हमारे पास सूचना नहीं है, हम वहां सर्वोच्च नेतृत्व के समक्ष पीएजीडी के रुख को रखेंगे।’’

माकपा नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के साथ बैठक एक अवसर है और उन्होंने जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख के लोगों को आश्वासन दिया कि ‘‘उनकी तरफ से पक्ष रखने के लिए’’नेता दिल्ली जा रहे हैं।

पीएजीडी के एक अन्य नेता और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस (एएनसी) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुजफ्फर शाह ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 और 35 ए पर कोई समझौता नहीं हो सकता है’’ जिसे केंद्र ने पांच अगस्त 2019 को खत्म कर दिया था। शाह उन नेताओं में शामिल नहीं हैं, जिन्हें बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है।

अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री की बैठक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने सहित राजनीतिक प्रक्रियाओं को मजबूती देने का प्रयास है।

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