जम्मू-कश्मीरः आतंकियों की ‘लाइव ट्रेनिंग’ का हिस्सा थीं इस साल हुई 28 नागरिकों में से 24 की हत्याएं!
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: October 8, 2021 14:19 IST2021-10-08T14:15:16+5:302021-10-08T14:19:00+5:30
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, कश्मीर में इस साल अभी तक आतंकियों ने 28 नागरिकों को मौत के घाट उतारा है।

जम्मू-कश्मीरः आतंकियों की ‘लाइव ट्रेनिंग’ का हिस्सा थीं इस साल हुई 28 नागरिकों में से 24 की हत्याएं!
जम्मू। सच में यह चौंकाने वाली बात है कि आतंकी गुट अब नए भर्ती हुए युवकों, भर्ती के इच्छुक युवकों, जहां तक की ओवर ग्राउंड वर्करों को भी कश्मीर के भीतर ही ‘लाइव ट्रेनिंग’ दे रहे हैं। इसकी पुष्टि कश्मीर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार भी करते थे जिनके बकौल, कश्मीर में इस साल अभी तक हुई 28 नागरिकांें की हत्याओं में से 24, आतंकियों की ‘लाइव ट्रेनिंग’ का ही हिस्सा थीं।
आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, कश्मीर में इस साल अभी तक आतंकियों ने 28 नागरिकों को मौत के घाट उतारा है। इनमें से 21 कश्मीरी मुस्लिम थे और सात अन्य समुदाय के। पुलिस का रिकॉर्ड मारे गए दो प्रवासी नागरिकों को अल्पसंख्यकों की सूची से अलग रखता था।
चिंता का विषय यह नहीं है कि मारे जाने वाले किस समुदाय से संबंध रखते थे बल्कि परेशानी का कारण आतंकियों द्वारा अब भर्ती किए गए नए रंगरूटों, भर्ती के इच्छुक गुमराह युवकों तथा ओवर ग्राउंड वर्करों को जो ‘लाइव ट्रेनिंग’ दी जा रही है वह है। इस ‘लाइव ट्रेनिंग’ में आतंकी गुट उन्हें पिस्तौलों का इस्तेमाल करना सीखाते हैं और सीधे टारगेट को हिट करना भी।
पुलिस मानती है कि यह एक नया और खतरनाक ट्रेंड है। उनके मुताबिक, नए रंगरूट और आतंकी गुटों में भर्ती के इच्छुक गुमराह युवकों को ‘ट्रेनिंग’ के लिए उस पार भिजवा पाना मुश्किल हो रहा है और उन्हें एके राइफलों से भी ‘ट्रेनिंग’ इसलिए नहीं दी जा रही है क्योंकि आतंकी खुद भी हथियारों व गोला बारूद की कमी का सामना कर रहे हैं।
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, पिछले कई दिनों से आतंकियों और उनके ठिकानों से बड़ी मात्रा में बरामद होने वाले पिस्तौल व ग्रेनेड इसकी पुष्टि करते थे कि आतंकी गुट इनका इस्तेमाल नए रंगरूटों की ‘लाइव ट्रेनिंग’ के लिए कर रहे हैं।