मीडिया परिदृश्य से खोजी पत्रकारिता का विचार गायब हो रहा है : प्रधान न्यायाधीश
By भाषा | Updated: December 15, 2021 21:30 IST2021-12-15T21:30:23+5:302021-12-15T21:30:23+5:30

मीडिया परिदृश्य से खोजी पत्रकारिता का विचार गायब हो रहा है : प्रधान न्यायाधीश
नयी दिल्ली, 15 दिसंबर भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण ने बुधवार को कहा कि खोजी पत्रकारिता की अवधारणा “दुर्भाग्य से” मीडिया परिदृश्य से “कम से कम भारतीय संदर्भ में” गायब हो रही है।
पत्रकार उदुमुला सुधाकर रेड्डी की लिखी किताब ‘ब्लड सैंडर्स: द ग्रेट फॉरेस्ट हीस्ट’ के विमोचन पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हमारे बगीचे में सब कुछ गुलाबी प्रतीत होता है।”
उन्होंने लाल चंदन के संरक्षण में मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डाला। लाल चंदन जंगल की आग को शेषचलम पहाड़ियों के जंगलों में फैलने से रोकने के लिए जाना जाता है लेकिन विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रहा है।
उन्होंने कहा कि लाल चंदन के काटने से पारिस्थितिक विनाश के परिणाम विश्व स्तर पर देखे जा सकते हैं और इन मुद्दों से स्थानीय स्तर पर निपटना समय की मांग है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि लाल चंदन की सुरक्षा के लिए पहले से मौजूद कानूनों को लागू करने के लिए आवश्यक इच्छाशक्ति की कमी थी।
उन्होंने कहा, “ऐसे में मीडिया को अपनी भूमिका निभाने की जरूरत है। रक्षकों की भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों और संस्थानों की सामूहिक विफलताओं को मीडिया द्वारा उजागर करने की आवश्यकता है।”
उन्होंने कहा कि लोगों को इस प्रक्रिया में कमियों के बारे में जागरूक करने की जरूरत है और यह एक ऐसा काम हो जो केवल मीडिया ही कर सकता है।
एक पत्रकार के तौर पर अपनी पहली नौकरी करने वाले प्रधान न्यायाधीश ने वर्तमान मीडिया पर अपने विचार साझा किए और कहा कि “खोजी पत्रकारिता की अवधारणा दुर्भाग्य से मीडिया के कैनवास (परिदृश्य) से गायब हो रही है।”
उन्होंने कहा, “यह कम से कम भारतीय संदर्भ में सच है। जब हम बड़े हो रहे थे तो बड़े-बड़े घोटालों को उजागर करने वाले समाचार पत्रों का बेसब्री से इंतजार करते थे। समाचार पत्रों ने हमें कभी निराश नहीं किया। अतीत में, हमने घोटालों और कदाचार के बारे में समाचार पत्रों की रिपोर्टें देखी हैं जिनके गंभीर परिणाम सामने आए हैं। एक या दो को छोड़कर, मुझे हाल के वर्षों में इतनी महत्ता की कोई खबर याद नहीं है। हमारे बगीचे में सब कुछ गुलाबी प्रतीत होता है।
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