जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्‍यादेश को राज्‍यपाल ने दी मंजूरी

By भाषा | Updated: November 28, 2020 22:46 IST2020-11-28T22:46:57+5:302020-11-28T22:46:57+5:30

The Governor approved the ordinance against forced conversion | जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्‍यादेश को राज्‍यपाल ने दी मंजूरी

जबरन धर्मांतरण के खिलाफ अध्‍यादेश को राज्‍यपाल ने दी मंजूरी

लखनऊ, 28 नवंबर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश 2020 को मंजूरी दे दी है जिसमें जबरन या धोखे से धर्मांतरण कराये जाने और शादी करने पर दस वर्ष की कैद और विभिन्‍न श्रेणी में 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

उत्‍तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव (विधायी) अतुल श्रीवास्‍तव ने राज्‍यपाल की मंजूरी के बाद उत्‍तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्‍यादेश 2020 की अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में पिछले मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इस अध्‍यादेश को मंजूरी दी गई थी। इसमें विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष के कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

शनिवार को राज्‍यपाल से इस अध्‍यादेश को मंजूरी मिलने के कुछ घंटे बाद ही समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि जब यह विधेयक विधानसभा में पेश होगा तो उनकी पार्टी पूरी तरह इसका विरोध करेगी।

पत्रकारों के सवाल के जवाब में यादव ने कहा कि सपा ऐसे किसी कानून के पक्ष में नहीं है। उन्‍होंने कहा कि सरकार एक तरफ अंतरजातीय और अन्‍तर्धार्मिक विवाह को प्रोत्‍साहन दे रही और दूसरी तरफ इस तरह का कानून बना रही है तो यह दोहरा बर्ताव क्‍यों है ।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने आज उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन अध्यादेश लागू होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि धोखा देकर विवाह करने के बाद धर्मांतरण की घटनाओं पर कानून बनाकर राज्य की भाजपा सरकार ने स्वागत योग्य कार्य किया है।

प्रदेश भाजपा कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि इस अध्यादेश को ला कर प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि राज्य में अराजकता एवं धोखाधड़ी को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यह कानून न सिर्फ समाज में शान्ति कायम करने में मददगार होगा बल्कि लोगों के सम्मान की रक्षा भी हो सकेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी बधाई के पात्र है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि न्यायालय के स्तर तक आए कई प्रकरणों, जांचों एवं रिपोर्टों में यह पाया गया है कि जानबूझकर साजिश के तहत उत्पीड़न के लिए व जिहाद जैसे कुत्सित प्रयास प्रदेश सहित देश के अलग.अलग हिस्सों में किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार महिलाओं के सम्मान एवं गरिमा तथा उनकी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए कटिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं में महिलाओं को प्राथमिकता देना रहा हो या तीन तलाक जैसी शोषणकारी प्रथाओं का अंत रहा हो, भाजपा सरकार ने अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में लिये गये इस निर्णय से प्रदेश में बल व छल पूवर्क धर्मांतरण, नाम या धर्म परिवर्तित कर प्रलोभन देने व अपराध करने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगेगा।

गौरतलब है कि हाल में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्‍व वाली उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा और मध्‍यप्रदेश जैसे राज्‍यों की सरकारों ने कथित लव जिहाद के मामले को लेकर कानून बनाने की घोषणा की थी जिसमें सबसे पहले उत्‍तर प्रदेश ने अध्‍यादेश लागू किया जो शनिवार से प्रभावी हो गया।

उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने पिछले साल एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें जबरन धर्मांतरण पर रोक के लिए एक नया कानून बनाने का सुझाव दिया गया था।

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Web Title: The Governor approved the ordinance against forced conversion

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