चोरी की आरोपी बच्ची को मिलना चाहिए मुआवजा : अदालत
By भाषा | Updated: December 15, 2021 17:46 IST2021-12-15T17:46:33+5:302021-12-15T17:46:33+5:30

चोरी की आरोपी बच्ची को मिलना चाहिए मुआवजा : अदालत
कोच्चि, 15 दिसंबर केरल उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि उस नाबालिग लड़की को राज्य द्वारा मुआवजा दिया जाना चाहिए जिस पर एक महिला ‘पिंक पुलिस’ अधिकारी ने पिता के साथ मिलकर चोरी करने का आरोप लगाया था। अदालत ने एलडीएफ सरकार से पूछा कि वह मुआवजे के तौर पर कितनी रकम देने को तैयार है।
अदालत ने हालांकि कहा कि वह लड़की के परिवार द्वारा मांगी गई 50 लाख रुपये की मांग को स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि यह “काफी ज्यादा” और “अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर” बताई गई है।
न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कहा, “उन्हें निश्चित रूप से सार्वजनिक कानून के तहत मुआवजा दिया जाना है। मेरा मानना है कि मुझे इस मामले में सरकार से विशेष प्रतिक्रिया की आवश्यकता होगी, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या वे किसी भी रकम को स्वीकार करने के इच्छुक हैं।”
न्यायाधीश ने कहा कि छह दिसंबर को सुनवाई की पिछली तारीख पर उन्होंने राज्य से पूछा था कि वह नाबालिग लड़की की आहत भावनाओं पर कैसे मरहम लगाएगी, लेकिन “ऐसा लगता है कि आप (सरकार) समझ नहीं पाए कि मेरा क्या मतलब था।”
यह टिप्पणी राज्य द्वारा अदालत के समक्ष यह प्रतिवेदन दिए जाने के बाद आई है कि वह बच्ची का मानसिक मूल्यांकन करेगी और कुछ नहीं कहा।
अदालत ने इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 20 दिसंबर तय की है।
अदालत आठ वर्षीय लड़की द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सरकार को उसके मौलिक अधिकार के उल्लंघन के लिए अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
याचिकाकर्ता ने 27 अगस्त को हुई अपमानजनक घटना के लिए सरकार से मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपये की भी मांग की है।
यह घटना 27 अगस्त को हुई जब अत्तिंगल निवासी जयचंद्रन अपनी आठ साल की बेटी के साथ मूनुमुक्कू पहुंचे, जो थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के लिए एक बड़े ‘कार्गो’ (सामान) की आवाजाही देखना चाहती थी।
‘पिंक पुलिस’ से जुड़ी एक महिला पुलिस अधिकारी रजिता को यातायात नियमन में सहायता के लिए तैनात किया गया था और उसने दोनों पर पुलिस वाहन में रखे मोबाइल फोन को चोरी करने का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए एक वीडियो में अधिकारी और उनके सहयोगी को पिता और बेटी को परेशान करते और यहां तक कि उसकी तलाशी लेते हुए भी देखा गया। उनकी प्रताड़ना के बीच बच्ची को रोते हुए देखा गया।
वहां मौजूद एक शख्स ने हालांकि जब अधिकारी के मोबाइल का नंबर डायल किया तो पुलिस वाहन में मोबाइल फोन मिला, जिसके बाद पुलिस टीम पिता और बेटी से माफी मांगे बिना ही वहां से चली गई।
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