अमरनाथ यात्रा की प्रथम पूजा गुफा में संपन्न, वर्ष 2019 में हुई थी जम्मू में, पहले हुआ करती थी चंदनबाड़ी में, वर्ष 2022 से गुफा में हो रही है पूजा

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 22, 2024 16:47 IST2024-06-22T16:46:56+5:302024-06-22T16:47:29+5:30

अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, अमरनाथ गुफा में शनिवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर प्रथम पूजा हुई। साधु-संत व विद्वानों ने हवन और आरती कर पवित्र हिमलिंग की विधिवत पूजा-अर्चना की। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रथम पूजा की

The first worship of Amarnath Yatra was done in the cave, it was done in Jammu in the year 2019, earlier it used to be done in Chandanbari, from the year 2022 worship is being done in the cave | अमरनाथ यात्रा की प्रथम पूजा गुफा में संपन्न, वर्ष 2019 में हुई थी जम्मू में, पहले हुआ करती थी चंदनबाड़ी में, वर्ष 2022 से गुफा में हो रही है पूजा

अमरनाथ यात्रा की प्रथम पूजा गुफा में संपन्न, वर्ष 2019 में हुई थी जम्मू में, पहले हुआ करती थी चंदनबाड़ी में, वर्ष 2022 से गुफा में हो रही है पूजा

जम्मू: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर होने वाली अमरनाथ यात्रा की प्रथम पूजा को इस बार भी पवित्र गुफा में आयोजित किया गया। वर्ष 2019 में इसे जम्मू में संपन्न किया गया था पर जबकि वर्ष 2022 से इसे पवित्र गुफा में ही संपन्न किया जा रहा है। अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, अमरनाथ गुफा में शनिवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा पर प्रथम पूजा हुई। साधु-संत व विद्वानों ने हवन और आरती कर पवित्र हिमलिंग की विधिवत पूजा-अर्चना की। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रथम पूजा की।

कोरोना काल से पहले प्रथम पूजा चंदनबाड़ी में की जाती थी लेकिन कोरोना के कारण उपजे हालात में वर्ष 2019 में इसे जम्मू में संपन्न करवाया गया था तो वर्ष 2020 में यात्रा रद्द होने के बावजूद गुफा में। पवित्र गुफा से सुबह व शाम को आरती का सीधा प्रसारण भी करवाने का फैसला किया गया है। इस अवसर पर उप राज्यपाल ने कहा कि दुनिया भर के लाखों भक्तों के लिए बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा की तीर्थ यात्रा जीवन भर का सपना होती है। 29 जून से शुरू होने वाली यात्रा के सफल संचालन के लिए स्थानीय निवासियों का अत्यधिक योगदान है।

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शिवभक्तों को बेधड़क होकर अमरनाथ की यात्रा में शामिल होने का न्यौता देेते हुए कहा कि सुरक्षा का त्रिस्तरीय प्रबंध हैं। यह यात्रा कश्मीरियत का प्रतीक है। यह कश्मीर के लिए सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व नहीं रखती, बल्कि यह स्थानीय अर्थ व्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। तीन लाख परिवार इससे प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से आजीविका कमाते हैं। 

कश्मीर में सुधरते हालात कुछ लोगों को रास नहीं आते और वह यहां हालात बिगाड़ने की हरकते करते हैं, लेकिन किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। यह बाबा भोले की यात्रा है और बाबा भोले की कृपा से सुरक्षित, शांत और विश्वासपूर्ण वातावरण में ही संपन्न होगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पूजा में श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के कई अधिकारी भी शामिल हुए थे। उप राज्यपाल ने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि देश-विदेश से जो भी श्रद्धालु अमरनाथ आएं, वे अपने साथ एक अच्छा अनुभव साथ लेकर जाएं।

इस बार अमरनाथ यात्रा 29 जून से शुरू हो कर 52 दिनों तक चलेगी जबकि पिछले साल पहली बार 62 दिन की अमरनाथ यात्रा एक जुलाई से शुरू हुई थी। इस बार यात्रा रक्षा बंधन 19 अगस्त तक चलेगी। यात्रा के लिए पूरे देश में पंजीकरण अप्रैल से शुरू हो गया है। बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा से सुबह व शाम की आरती का सीधा प्रसारण होगा। देश-दुनिया में बैठे श्रद्धालु रोजाना बाबा बर्फानी की आरती का लाभ उठा सकते हैं।

Web Title: The first worship of Amarnath Yatra was done in the cave, it was done in Jammu in the year 2019, earlier it used to be done in Chandanbari, from the year 2022 worship is being done in the cave

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