सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव के खिलाफ फिल्म जगत ने सरकार को पत्र लिखा

By भाषा | Updated: July 1, 2021 21:08 IST2021-07-01T21:08:33+5:302021-07-01T21:08:33+5:30

The film industry wrote a letter to the government against the proposal to amend the Cinematograph Act. | सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव के खिलाफ फिल्म जगत ने सरकार को पत्र लिखा

सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव के खिलाफ फिल्म जगत ने सरकार को पत्र लिखा

मुंबई, एक जुलाई फिल्मकार विशाल भारद्वाज, मीरा नायर और पा रंजीत जैसी हस्तियों के हस्ताक्षर वाले एक पत्र में कहा गया है कि सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में संशोधन का सरकार का प्रस्ताव फिल्म बिरादरी के लिये एक और झटका है और इससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व लोकतांत्रिक असहमति के खतरे में पड़ने की आशंका है।

तीन हजार से अधिक हस्ताक्षरों वाले इस पत्र को शुक्रवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भेजा जाएगा। मंत्रालय ने आम लोगों को दो जुलाई तक मसौदा विधेयक पर अपने सुझाव देने के लिये कहा था।

केंद्र ने 18 जून को सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक 2021 के मसौदे पर सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की थीं, जिसमें फिल्म पायरेसी (चोरी) पर जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा इसमें आयु आधारित प्रमाण पत्र दिये जाने और पहले से प्रमाणित फिल्म को शिकायतों की प्राप्ति के बाद पुन: प्रमाणन का आदेश देने के संबंध में केंद्र सरकार को सशक्त बनाने का प्रावधान है।

पत्र में कहा गया है कि प्रस्तावित संशोधन फिल्म निर्माताओं को ''सरकार के समक्ष शक्तिहीन कर देगा... सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सिनेमैटोग्राफ अधिनियम में नए संशोधनों का प्रस्ताव पेश कर फिल्म बिरादरी को एक और झटका दिया है। इसके तहत केंद्र सरकार के पास उन फिल्मों के प्रमाणीकरण को रद्द करने या वापस लेने की शक्ति होगी, जिन्हें सेंसर बोर्ड द्वारा पहले ही मंजूरी दी जा चुकी हो।''

पत्र के अनुसार, ''यह प्रावधान सेंसर बोर्ड और उच्चतम न्यायालय की संप्रभुता को कम करके देश में सिनेमा पर केंद्र सरकार को सर्वोच्च शक्ति प्रदान करेगा, जिससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक असहमति खतरे में पड़ने की आशंका है।''

पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में अनुराग कश्यप, वेत्री मारन, फरहान अख्तर, शबाना आज़मी, हंसल मेहता, राकेश ओमप्रकाश मेहरा और रोहिणी हट्टंगड़ी के साथ-साथ मलयालम, तमिल, कन्नड़, असमिया और बंगाली सिनेमा के प्रमुख नाम भी शामिल हैं।

पत्र का खाका तैयार करने वालों में शामिल फिल्मकार प्रतीक वत्स ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि केंद्र सरकार को पुनरीक्षण शक्ति देने का प्रस्ताव एक ''बुरा कदम'' होगा और यह पत्र फिल्म उद्योग की ओर से उनकी भागीदारी दर्ज करने का एक प्रयास है।

वत्स ने कहा, ''... आप संस्थागत निकाय सीबीएफसी में विश्वास कम कर रहे हैं। फिल्म बिरादरी के लिए अपनी चिंताओं को उठाना और अपने सुझाव रखना महत्वपूर्ण है।

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Web Title: The film industry wrote a letter to the government against the proposal to amend the Cinematograph Act.

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