किसानों ने अभी तो कानून वापसी की बात की है, अगर गद्दी वापसी पर आ गए तो क्या होगा : टिकैत

By भाषा | Updated: February 3, 2021 17:37 IST2021-02-03T17:37:59+5:302021-02-03T17:37:59+5:30

The farmers have just talked about the withdrawal of the law, what will happen if the throne is returned. | किसानों ने अभी तो कानून वापसी की बात की है, अगर गद्दी वापसी पर आ गए तो क्या होगा : टिकैत

किसानों ने अभी तो कानून वापसी की बात की है, अगर गद्दी वापसी पर आ गए तो क्या होगा : टिकैत

जींद, 03 फरवरी भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को जींद में आयोजित महापंचायत में कहा कि तीनों कृषि कानूनों की वापसी के अलावा किसान मानने वाला नहीं है। उन्होंने सरकार को चेताया, ‘‘ अभी तो किसानों ने सिर्फ कानून वापसी की बात कही है, अगर किसान गद्दी वापसी की बात पर आ गए तो उनका क्या होगा। इस बात को सरकार को भलिभांति सोच लेना चाहिए। ’’

हरियाणा में जींद के कंडेला में गांव आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन स्थलों पर पुलिस की घेरांबदी को लेकर कहा कि सरकार ने कीलें गाडी, तार लगवाए, लेकिन ये चीजें किसानों को नहीं रोक पाएंगी।

उन्होंने कहा ''राजा जब डरता है तो किलेबंदी करता है। मोदी सरकार किसानों के डर से किलेबंदी करने में जुटी है।''

टिकैत ने कहा कि किसान इन्हें उखाड़ कर अपने घरों में ले जाएंगे और अपने-अपने गांवों की चौपालों में रखेंगे और आने वाली नस्लों को बताएंगे कि किस प्रकार सरकार ने उनका रास्ता रोकने के लिए प्रोपेगंडे रचे थे।

उन्होंने कहा कि यह किलेबंदी एक नमूना है, आने वाले दिनों में गरीब की रोटी पर भी किलेबंदी होगी। टिकैत ने कहा कि किसी भी गरीब की रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसीलिए किसानों ने यह आंदोलन शुरू किया है।

उन्होंने सरकार से तीनों बिलों को वापस लेने की मांग की।

सरकार को चेताया, ‘‘ अभी तो किसानों ने सिर्फ कानून वापसी की बात कही है, अगर किसान गद्दी वापसी की बात पर आ गए तो उनका क्या होगा। इस बात को सरकार को भलिभांति सोच लेना चाहिए। ’’

टिकैत ने गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर हुई घटना को किसानों को बदनाम करने की साजिश करार दिया और कहा कि जो लोग लाल किले पर गए वो किसान नहीं थे।

उन्होंने कहा,‘‘ पिछले 35 साल से किसानों के हित में आंदोलन करते आ रहे हैं। हमने संसद घेरने की बात भी कही थी, लाल किले की बात तो कभी नहीं कही और न ही किसान वहां कभी गए। लाल किले पर जो लोग गए वो किसान नहीं थे। यह किसानों को बदनाम करने के लिए साजिश रची थी।’’

किसान आंदोनल को लेकर उन्होंने कहा कि उनकी कमेटी का न तो कोई मेम्बर बदला जाएगा और न ही कार्यालय बदला जाएगा तथा जो भी फैसला होगा यही 40 सदस्यीय कमेटी फैसला करेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘युद्ध में कभी घोड़े नहीं बदले जाते। हम इन्हीं घोड़ों के बल पर किसानों की लड़ाई जीतने में कामयाब होंगे।’’

टिकैत ने कहा कि अभी सरकार को अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है, आगे जैसे भी हालात रहेंगे, उसी मुताबिक आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने खेत की मिट्टी और पानी की पूजा करें, क्योंकि युवा जब तक खेत की मिट्टी और पानी की पूजा नहीं करेंगे तो उन्हें आंदोलन का अहसास नहीं होगा।

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Web Title: The farmers have just talked about the withdrawal of the law, what will happen if the throne is returned.

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